भाजपा की यात्रा में तीन चीजें नहीं बदलीं-प्रशिक्षण, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण

भाजपा की यात्रा में तीन चीजें नहीं बदलीं-प्रशिक्षण, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी में प्रशिक्षण की परंपरा सतत और प्राचीन है। यह पार्टी की कार्यशैली का अंग है। आज भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है और उसकी एक अलग पहचान है। लेकिन पार्टी की इस विकास यात्रा में तीन चीजें नहीं बदलीं। ये हैं-प्रशिक्षण, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण की भावना। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण वर्ग आप सभी के लिए पार्टी की वैचारिक यात्रा को समझने और आत्मसात, आत्मचिंतन करने का अवसर है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि श्रद्धेय अटलजी ने कहा था कि सत्ता प्राप्ति का उद्देश्य सिर्फ राष्ट्रसेवा होना चाहिए। हमारी जिस वैचारिक यात्रा का शुभारंभ डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने किया था वह आज भी जारी है और हमारे लिए राजनीति राष्ट्रनिर्माण का सशक्त माध्यम है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी यह यात्रा आज भी चल रही है और भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन हमने अपनी विचारधारा और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। हमारी नीयत और नीतियां आज भी वही हैं। हम अपने मूल विचार से भटके नहीं हैं।
हमें जनसेवा को सबसे बड़ी साधना बनाना है
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आज जहां पहुंची है, उसमें हमारे पूर्वजों का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पं.दीनदयाल जी ने हमें एकात्म मानववाद दिया, श्रद्धेय अटलजी ने हमें संयम सिखाया और श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। सभी जनप्रतिनिधियों को जनसेवा को सबसे बड़ी साधना बनाना है। यह प्रशिक्षण वर्ग इसी संकल्प को पुष्ट करने के लिए है। उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा राष्ट्र प्रथम की रही है। पं. दीनदयाल जी चुनाव हार गए, लेकिन उन्होंने अपने विचारों, सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। आप कभी ऐसा आश्वासन न दें, जो पूरा न किया जा सकता हो और सिद्धांतों से समझौता न करें। यह प्रशिक्षण वर्ग इन सिद्धांतों की पुनरावृत्ति के लिए नहीं है, बल्कि उन्हें आज की जरूरतों के अनुरूप बनाने के लिए है। हमें यह लगातार चिंतन करना होगा कि संगठन कैसे मजबूत हो, संवाद कैसे गहरा हो, हमारी विचारधारा और पारदर्शिता को कैसे बनाए रखा जाए। शालीनता, विनम्रता और दृढ़ता के साथ राजनीति करें और याद रखें हम सिर्फ कानून बनाने या बदलने वाले नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी बदलने वाले हैं। आपको जो पद मिला है, वह वास्तव में बड़ी जिम्मेदारी है, जनसेवा के लिए है। वह भारत को शक्तिशाली, विकसित और समावेशी राष्ट्र बनाने के लिए है।
विकसित भारत हमारा संकल्प
केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने कहा कि विकसित भारत हमारा लक्ष्य नहीं, बल्कि संकल्प है। भारत को आत्मनिर्भर, समावेशी और गौरवशाली राष्ट्र बनाने में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है। देश आज सुरक्षित है और सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हमारी अर्थव्यवस्था 11 वें स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंचने जा रही है और ये बात सिर्फ आंकड़ों की नहीं है, बल्कि बदलाव जमीन पर दिखाई देता है। देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। रक्षा क्षेत्र में अब हम एक निर्यातक देश के रूप में उभर रहे हैं। भारत अपनी संप्रुभता और अखंडता की रक्षा करने में कोई समझौता नहीं करेगा, हमने यह ऑपरेशन सिंदूर में भी देखा है।
विचार, मूल्यों की राजनीति भाजपा की पहचान
केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने कहा कि पं. दीनदयाल जी जैसे नेताओं ने विचार और मूल्यों की राजनीति को स्थापित किया। आज भी हमारा कार्यकर्ता चुनाव हार सकता है, लेकिन विचार से नहीं हटता। यही वजह है कि भाजपा एक साधारण दल नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग किसी विभाग के मंत्री हैं, उन्हें यह याद रखना चाहिए कि वे विभाग प्रमुख नहीं, बल्कि जनसेवक हैं। मंत्री की कुर्सी सेवा की चौकी है। नीतियों में समरसता दिखाई देना चाहिए, तुष्टिकरण नहीं। हमारे लिए सारी दुनिया एक परिवार है, ऐसे में जाति-पंथ के आधार पर कैसे हो सकता है? याद रखे विचारधारा के बिना सत्ता दिशाहीन हो जाती है। हमें हमेशा यह याद रखना चाहिए कि हमारा जन्म सत्ता के गलियारों में नहीं, बल्कि संघर्षों की आंच में हुआ है।