कांग्रेस की सरकार ने ही बंद की थी जातिगत जनगणना-डॉ. के.लक्ष्मण

कांग्रेस की सरकार ने ही बंद की थी जातिगत जनगणना-डॉ. के.लक्ष्मण
पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने 11 वर्षों में देश और पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए जो काम किए हैं, वो कांग्रेस की सरकारों ने कई दशकों में भी नहीं किए। उन्होंने जातिगत जनगणना का जो निर्णय लिया है, वो एक ऐतिहासिक निर्णय है। कांग्रेस के लोग आज ये दुष्प्रचार कर रहे हैं कि मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना का निर्णय राहुल गांधी के दबाव में लिया है। मैं राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं ने यह पूछना चाहता हूं कि देश में 60 सालों तक कांग्रेस की सरकारें रहीं और नेहरू-गांधी परिवार के तीन-तीन सदस्य प्रधानमंत्री रहे। उस समय राहुल गांधी जातिगत जनगणना की मांग क्यों नहीं की? आज जब वो विपक्ष में हैं तो लोगों के गुमराह करने के लिए और वोटों की राजनीति के लिए जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं। डॉ. लक्ष्मण ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने से देश में जातिगत जनगणना होती रही, लेकिन देश के स्वतंत्र होने पर पहले प्रधानमंत्री पं. नेहरू ने सेंट्रल सेंशस एक्ट के माध्यम से जातिगत जनगणना बंद कर दी। पं. नेहरू ने काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। ओबीसी कमीशन नहीं बनाया। आगे चलकर स्व. मोरारजी देसाई की सरकार ने मंडल कमीशन का गठन किया। बाद में इंदिरा गांधी की सरकार ने उस पर चुप्पी साधे रखी और स्व. वी.पी.सिंह की सरकार ने उसे लागू किया। उस समय कांग्रेस के नेता स्व. राहुल गांधी ने संसद में एक घंटे 40 मिनट का भाषण दिया और मंडल कमीशन का विरोध किया। 1961 में पं. नेहरू ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर आरक्षण को आर्थिक आधार पर किए जाने की बात कही थी। डॉ. के. लक्ष्मण ने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार के समय भाजपा ने जातिगत जनगणना की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना की बात से भाजपा कभी पीछे नहीं हटी। 2014 में मोदी सरकार बनने पर तत्कालीन गृह मंत्री श्री राजनाथसिंह ने कहा था कि हम जातियों को जोड़कर जनगणना करेंगे, लेकिन कोविड संकट के कारण यह संभव नहीं हो सका। डॉ. लक्ष्मण ने कहा कि पिछड़ा वर्ग मोर्चा के कार्यकर्ता होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम कांग्रेस के झूठ और मोदी सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के हित में किए गए कामों को देश-प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाएं।