भाजपा का विकास और विस्तार कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों के परिश्रम और पुण्य का प्रतिफल-डॉ. महेन्द्र सिंह

भाजपा का विकास और विस्तार कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों के परिश्रम और पुण्य का प्रतिफल-डॉ. महेन्द्र सिंह
भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने वर्ग के द्वादश सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा का विकास और विस्तार कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों के परिश्रम और पुण्य का प्रतिफल है। भाजपा की विचारधारा केवल चुनाव जीतने की दृष्टि से गढ़ी गई रणनीति नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण करने वाले विचारों की श्रृंखला है। देश के आजाद होने के बाद जवाहरलाल नेहरू की सरकार में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी उद्योग मंत्री बनाए गए थे। लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने वर्ग विशेष के दबाव में उन्हें लाभ पहुंचाने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लगा दी। जब नेहरू सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने को तैयार नहीं हुई तो डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने मंत्री पद त्याग कर आंदोलन शुरू कर दिया। वे धारा 370 हटाने के लिए आंदोलन करते हुए गिरफ्तार हुए और रहस्यमय तरीके से जेल के अंदर उनकी मौत हो गई। पार्टी की विचाधारा जिसके लिए हम अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, लेकिन समझौता नहीं करते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद विकास के साथ विरासत को भी सहेजने का कार्य शुरू हुआ। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि देश में अंग्रेजों के बनाए कानून नहीं चलेंगे, इसके लिए भारतीय न्याय संहिता लागू की गई। नौसेना के झंडे में परिवर्तन किया गया। नया संसद भवन का निर्माण हुआ, राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ रखा गया और इंडिया गेट पर जार्ज पंचम की प्रतिमा हटाकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा लगाई गई। इसी प्रकार प्रधानमंत्री जी ने गुलामी के प्रतीकों को खत्म करने की दिशा में अनेक महत्पूर्ण कार्य किए हैं। भगवान श्रीराम के जन्मस्थान जो पहले फैजाबाद था उसे बदलकर अयोध्या किया गया। देश विरासत से विकास की ओर बढ़ रहा है हमें हमारी विरासत पर गर्व है।
राष्ट्रवादी विचारों के लिए कार्य करने पार्टी की आवश्यकता महसूस होने पर भाजपा बनी
भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 लगाए जाने के बाद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी को देश में एक ऐसी पार्टी की आवश्यकता महसूस हुई, जो देश देश के इतिहास, धर्म, परंपरा और संस्कृति से जुड़ी हुई हो, तब उन्होंने जनसंघ की स्थापना की। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने इस दल की विचारधारा के बीज बोए। उन्होंने कहा था कि यह पार्टी संगठन के आधार पर चलने वाली पार्टी होगी, जिसकी आत्मा उसके कार्यकर्ता होंगे। सरकार बनाना हमारा लक्ष्य नहीं होगा, बल्कि हम अपने सिद्धांतों के लिए सरकार बनाएंगे। जनसंघ से भाजपा तक न हमारी विचारधारा बदली है न हमारी कार्य संस्कृति बदली है। हमारी पार्टी की विचारधारा का आधार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांत हैं। पंच निष्ठाएं हमारे वैचारिक अधिष्ठान हैं, इन पर चलकर हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। आज जनसंघ से ही बनी हमारी भारतीय जनता पार्टी विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए कोई व्यक्ति, वंश या गुट नहीं, केवल राष्ट्र और राष्ट्रहित ही सर्वोपरि होता है। भारत 2047 तक विश्व का सबसे विकसित राष्ट्र बनेगा, हम सब इसी भावना के साथ कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी जब कोई भी योजना लागू करते है तो पंचनिष्ठा को आगे रखकर सुनिश्चित करते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने लाल किले से भारत को अगले 25 वर्षों तक के अमृतकाल के लिए पंच प्रण दिए। ये पंच प्रण केवल संकल्प नहीं है, बल्कि यह भाजपा के लिए कार्यसूची बन गए। श्री नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने थे तब देश की अर्थव्यवस्था 11 वे स्थान पर थी और आज चौथे स्थान पर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विकसित भारत को लेकर गरीबी की शून्यता के लिए 54 करोड लोगों के बैंक में खाते खुलवाएं, 4 करोड लोगों का घर दिया, 10 करोड लोगों का गैस कनेक्शन दिया। 12 करोड किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि पहुंचा दिया। आज 25 करोड लोग गरीबी रेखा से उपर आ गए है। देश की जनता के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए 5 लाख तक के ईलाज के लिए आयुष्मान कार्ड दिया है। आज भारत की सैन्य शक्ति दुनिया में चौथे स्थान पर है। आज भारत चंद्रयान के द्वारा चांद पर पहुंच गया है और अब सूर्य तक पहुंचने की तैयारी है। हमारी सरकार मोदी जी के पंच प्रणों के संकल्प को आत्मसात कर निरंतर आगे बढ़ रही है।