नेताओं, बुद्धिजीवियों, आम नागरिकों ने स्व. अटलजी को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
भोपाल। स्व. अटल जी के जाने से ऐसा लगा जैसे मैंने अपना अभिभावक खो दिया। वो एक विराट व्यक्ति थे, जिनमें एक साथ कई गुणों का संगम था। वो विलक्षण थे, अब शायद उनके जैसा कोई और नहीं होगा। मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में मंगलवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने स्व. अटल जी के बारे में ऐसे ही उद्गार व्यक्त किए। शाम 4बजे से आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, धर्मगुरुओं, बुद्धिजीवि
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी का मधप्रदेश से गहरा रिश्ता रहा है। उनका जन्म भले ही ग्वालियर में हुआ था, लेकिन भोपाल से लेकर जबलपुर तक और ओरछा से लेकर इंदौर तक प्रदेश के हर शहरों में अनेक ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अटलजी के साथ अपने जीवन का समय बिताया है। प्रदेश की ओर स्व. अटलजी को श्रद्धासुमन करने के लिए एक सभा का आयोजन मंगलवार को राजधानी के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में किया गया, जहां सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, समाजसेवियों, बुद्धिजी
भरोसा नहीं होता कि अटलजी नहीं हैं: शिवराज सिंह चौहान
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी को याद करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि मुझे अभी भी भरोसा नहीं होता कि अटल जी नहीं हैं। लगता है वे अभी आएंगे, अपने चिरपरिचित अंदाज में, मुस्कुराते हुए। एक राजनेता, लेखक, पत्रकार, कुशल वक्ता, कवि, पत्रकार, साहित्यका
अटलजी व्यक्ति नहीं विचार थे: राकेश सिंह
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री राकेश सिंह ने कहा कि करोड़ो दिलों में जिन अटलजी ने अपना स्थान बनाया था, आज वे हमारे बीच मौजूद नहीं हैं। अटलजी की विलक्षणता को पहचानकर स्व. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उनके प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी की थी। अटलजी ने कहा था- प्रभु मुझे इतनी ऊंचाई मत देना, गैरौं को गले न लगा सकूं, इतनी रुखाई मत देना। ईश्वर ने अटलजी को कल्पनातीत ऊंचाई दी, लेकिन साथ मैं ऐसा हृदय भी दिया जो सभी के लिए प्रेम से भरा रहता था। वे एक विचार थे, जो अब विचारधारा में बदल गया है और देश को सुगंधित कर रहा है।
काजल की कोठरी से बेदाग निकलने वाली विभूति थे अटल जी: सुरेश पचौरी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी ने कहा कि राजनीतिक दलों, नेताओं के बीच प्रतिद्वंदिता होती है, दुश्मनी नहीं। हमें ये संस्कार हमारे जिन महान नेताओं ने दिए हैं, उन्हीं में से एक थे अटलजी। अटलजी से पारिवारिक संबंध रहे और जब संसद में पहुंचा, तो मुझे अटलजी के रूप में एक कुशल मार्गदर्शक मिल गया। राजनीति काजल की कोठरी है और अटल जी ऐसी विलक्षण विभूति थे, जिन्हें यह काजल की कोठरी भी कलंकित नहीं कर पाई।
अटलजी मिठास और सुगंध का मेल थे: उमा भारती
केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि मैं कई बार इस निश्चय करके अटलजी से मिलने गई कि उनसे अपने व्यवहार के लिए माफी मांगूंगी। लेकिन अटलजी की सरलता ने मुझे इसका मौका ही नहीं दिया। उनका व्यक्तित्व मिठास और सुगंध का अद्भुत मिश्रण था। वे विशाल देवदार की तरह थे, जो अपने आप में हिमालय की अलौकिक खुशबू समेटे होता है।
युग पुरुष थे अटलजी : कैलाश सारंग
वरिष्ठ नेता श्री कैलाश सारंग ने कहा कि अटलजी ने कभी जोड़-तोड़ की राजनीति में विश्वास नहीं किया। वे हमेशा सुचितापूर्ण राजनीति में विश्वास करते रहे। उनका जो स्थान था, कोई और व्यक्ति या नेता कभी नहीं ले सकेगा, अटलजी सच्चे अर्थों में युगपुरुष थे।
अटलजी ने राष्ट्रभाषा का सदा मान रखा: विलास गोले
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री विलास गोले ने कहा कि अटलजी एक लेखक, पत्रकार और कवि थे। इस नाते उनका राष्ट्रभाषा से गहरा जुड़ाव रहा। रचनाकर्म के अलावा उन्होंने अपने निजी और राजनीतिक जीवन में भी राष्ट्रभाषा को सदा सम्मान दिया।
विराट व्यक्तित्व के धनी थे अटलजी: कैलाश विजयवर्गीय
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अटलजी का व्यक्तित्व कितना विराट था, इसका अंदाज इस तथ्य से लग जाता है कि उनकी अंतिम यात्रा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी पैदल चल रहे थे। सारे रास्ते में लोग खड़े थे। अटलजी पिछले 12 वर्षों से मौन थे, फिर भी लग रहा था कि अंतिम यात्रा में मौजूद हर व्यक्ति उनसे संवाद कर रहा था।
देश के बाहर भी है अटलजी का योगदान : रघु ठाकुर
समाजवादी पार्टी के नेता श्री रघु ठाकुर ने कहा कि अटलजी ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सड़कों तथा अधोसंरचना के विकास में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण है। देश के अलावा देश से बाहर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अटलजी का योगदान उल्लेखनीय है।
अटलजी का जाना वैश्विक क्षति: शैलेंद्र शैली
माकपा के नेता श्री शैलेन्द्र शैली ने कहा कि अटलजी विश्व स्तरीय व्यक्तित्व थे। उनका जाना न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि सारी दुनिया के राजनीतिक, सामाजिक परिदृश्य के लिए अपूरणीय क्षति है।
इस अवसर पर धर्म गुरू महंत शंकरदास महाराज,मंहत श्री सुरेश शाडिल्य महाराज, अवधेश दीदी ब्रम्हाकुमारी आश्रम, श्री ज्ञानी दिलीप सिंह सिख समाज धर्म गुरू, ईसाई धर्म गुरू आर्च विशप, श्री शंकर गिरी महाराज, श्री गोविन्द व्यास, श्री मुकेश गिरी, संत श्री सिद्व भाऊ, शहर काजी अमान उल्ला, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री विलासराव गोले, पूर्व मुख्यमत्री श्री कैलाश जोशी, श्री बाबूलाल गौर, राष्ट्रीय महामंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, विधानसभा अध्यक्ष श्री सीताशरण शर्मा, श्री नंदकुमार सिंह चौहान, पार्टी के प्रदेश संगठन महामत्री श्री सुहास भगत, प्रदेश शासन के मंत्री श्री गोपाल भार्गव, श्री भूपेन्द्र सिंह,श्री नरोत्तम मिश्रा, श्री विजय शाह, श्री उमाशंकर गुप्ता, श्री गौरीशंकर शेजवार, श्री रामपाल सिंह, श्रीमती माया सिंह, श्री जालम सिंह, श्री ओमप्रकाश धुर्वे, सुश्री कुसुम महेदेले, श्री अंतरंसिंह आर्य, श्रीमती अर्चना चिटनीस, श्री दीपक जोशी, श्री विश्वास सारंग, श्री सुरेन्द्र पटवा, श्री संजय पाठक, श्री विजेश लुणावत, श्री विष्णुदत्त शर्मा, श्री विनोद गोटिया, श्री बंशीलाल गुर्जर, श्री लोकेन्द्र पाराशर, महापौर श्री आलोक शर्मा, सांसद श्री आलोक संजर, श्री रामकृष्ण कुसमरिया, श्री कृष्णमुरारी मोघे, कांगे्रस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचैरी, श्री रामेश्वर निखरा, श्री राजीव सिंह, श्री पी.सी. शर्मा, श्री राजकुमार पटेल कांग्रेस जिला अध्यक्ष श्री कैलाश मिश्रा, सीपीआई से श्री शैलेन्द्र शैली, आम आदमी पार्टी के आलोक अग्रवाल, समाजवादी पार्टी के श्री यश यादव, बहुजन समाज पार्टी के श्री अनिल पाण्डे, मध्यप्रदेश शासन के प्रमुख सचिव श्री बसंत प्रताप सिंह, सुश्री राजो मालवीय, श्री रजनीश अग्रवाल, श्री राहुल कोठारी, श्री अभिलाष पाण्डे, जिला अध्यक्ष श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह, श्री ओम यादव, श्री भगवानदास सबनानी, श्री करणसिंह वर्मा, श्री मदनमोहन गुप्ता, श्री अनिल अग्रवाल, श्री विकास विरानी, श्री सुनील पाण्डे सहित पत्रकार, समाजसेवी, धर्मगुरू, अ