स्वच्छता ही सेवा है-अजय प्रताप सिंह

आज प्रातः रीवा स्थित रानी तालाब मंदिर के परिसर में देश के मा. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आव्हान पर ‘‘स्वच्छता ही सेवा’’ अभियान के अंतर्गत स्वच्छता हेतु ‘श्रमदान’ कार्य में भाग लिया। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री सुहास भगत जी, राज्य सरकार के काबीना मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, प्रदेश महामंत्री श्री विष्णुदत्त शर्मा, संभागीय संगठन मंत्री श्री जितेन्द्र लिटोरिया, रीवा सांसद श्री जनार्दन मिश्रा, रीवा महापौर श्रीमती ममता गुप्ता, विंध्य विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुभाष सिंह, मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती अंजू मिश्र, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री विद्याप्रकाश श्रीवास्तव सहित अनेक भाजपा कार्यकर्ताओं ने श्रमदान कार्य में हिस्सा लिया। श्रमदान के पश्चात दूरदर्शन के माध्यम से मा. प्रधानमंत्री जी का संभाषण देखने व सुनने का अवसर रानी तालाब परिसर में ही स्थित सभागार में प्राप्त हुआ। इस परस्पर संवाद कार्यक्रम में मा. प्रधानमंत्री जी ने देशभर में स्वच्छता के विषय में योगदान देने वाली मूर्धन्य हस्तियों, संगठनों से प्रत्यक्ष चर्चा की। लगभग 2 घंटे चले इस चर्चा सत्र में समूचे भारत का भौगोलिक, सामाजिक कार्य करने वाले लोगों को संगठनात्मक, व्यक्तिगत रूप से इस विषय पर जानने-समझने का अवसर मिला। विगत 4 वर्षों में स्वच्छता के सन्दर्भ में अभूतपूर्व जनजागृति आई है। भारत जिसके बारे में पूर्व में वैश्विक धारणा थी कि यहां के नागरिकों को जीवन जीने के नागर ज्ञान का अभाव है, अब तीव्रता से बदल रही है। अनेक संगठन, व्यक्तियों विशेषकर अध्यात्मिक विभूतियों ने इस दिशा एवं विषय पर उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों का विवरण तथा अपने प्रयत्नों की जानकारी देकर आम भारतीय को प्रेरित किया है।
मा. प्रधानमंत्री जी ने अपने प्रारंभिक उद्बोधन में इस विषय पर गत चार वर्षों की अल्प अवधि में प्राप्त उपलब्धियों का विशेष रूप से उल्लेख किया था। उन्होनें जानकारी दी कि विगत चार वर्षों में 9 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ है। देश में लगभग 4.50 लाख गांव खुले में शौच करने से मुक्त (O.D.F) हो गये है। देश के 450 जिला तथा 20 राज्य खुले में शौच करने से पूर्णतया मुक्त हो गये है। भारत में स्वच्छता प्रसार 23 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 83 प्रतिशत हो गया है। खुले में शौच के कारण जीवाणु (Bacteria) जनित बिमारी विषेषकर उल्टी-दस्त (Diarrhea) जैसी साधारण रोग से समूचे भारत में प्रतिवर्ष 6 लाख लोग काल के गाल में समा जाते है। स्वच्छता अभियान के कारण उत्पन्न हुई जागृति के फलस्वरूप देष में मृत्यु का यह आंकड़ा अब विष्व स्वास्थ्य संगठन (W.T.O) की ताजा सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार घटकर लगभग 3 लाख होने की संभावना है। स्वास्थ्य क्षेत्र की यह उपलब्धि इस अभियान की सफलता को प्रदर्षित करती है। इस अभियान से न केवल रोगों की रोकथाम हुई अपितु दवाई का खर्चा घटा है, भू-परिदृश्य की सुंदरता में वृद्धि हुई है, स्वस्थ्य शरीर के कारण नागरिकों की कार्यषक्ति बढ़ी है फलस्वरूप उनकी आय में वृद्धि हुई है, सुख-समृद्धि आई है। निःसंदेह यह अभियान स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत की अवधारणा को पूर्ण करते हुए खुषहाल भारत की कल्पना को साकार कर रहा है। हम सभी का सपना रहा है ‘‘समृद्ध भारत-समर्थ भारत-सषक्त भारत’’। यह छोटा सा जनचेतना जागृत करने का अभियान प्रत्येक भारतवासी के सपनों को साकार करने का वाहक बन रहा है। कार्यक्रम के अंत में स्वच्छता हेतु शपथ-ग्रहण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें उपस्थित सभी महानुभावों ने प्रति सप्ताह दो घंटे स्वच्छता कार्य हेतु समर्पित करनें की शपथ ली है। मेरी ईष्वर से प्रार्थना है कि शपथ ग्रहिता समस्त सज्जनों को उनकी शपथ पूर्ण करनें उन्हें सामथ्र्य प्रदान करें।

(लेखक- राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश महामंत्री है।)