पेट्रोल-डीजल के दाम दोगुने कर दिए थे कांग्रेस ने, अब नौटंकी पर उतारू

भोपाल। पेट्रोल-डीजल की महंगाई के नाम पर बंद का आह्वान करने वाली कांग्रेस यह भूल गई है कि यूपीए सरकार ने देश को कर्ज के जिस गड्ढे में ढकेला था, उसे भरने की विवशता में ही श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पेट्रोलियम पदार्थों पर टैक्स कम नहीं कर पा रही है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री अजय प्रताप सिंह एवं श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा है कि पेट्रोलियम पदार्थों की महंगाई के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार बताकर कांग्रेस अपनी गलतियों का ठीकरा दूसरे के सिर फोड़ने जैसा काम कर रही है। पेट्रोलियम के दाम दोगुने करने वाली कांग्रेस अब नौटंकी कर रही है।

पार्टी के प्रदेश महामंत्री द्वय ने कहा है कि वर्ष 2014 में जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी, तब देश पर पेट्रोलियम सेक्टर में ही 43 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था। स्थिति यहां तक आ गई थी कि ईरान ने पेट्रोल देने से मना कर दिया था। भाजपा की सरकार ने पहली किश्त के रूप में 5000 करोड़ रुपए चुकाए, जिसके बाद पेट्रोल की आपूर्ति शुरू हो सकी। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने तेल बोर्ड के जरिए 1.30 लाख करोड़ का कर्ज लिया था, जिसके बदले में मोदी सरकार ने ब्याज सहित 2 लाख करोड़ रुपए चुकाए हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल के दामों में सबसे ज्यादा वृद्धि यूपीए सरकार के दौरान ही हुई थी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 में पेट्रोल की कीमत 34 रुपए लीटर थी, जिसे यूपीए सरकार ने 2014 में 79 रुपए प्रति लीटर तक पहुंचा दिया था। इस तरह यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल में पेट्रोल की कीमतों में दोगुनी से भी ज्यादा वृद्धि कर दी थी और अब वही कांग्रेस पेट्रोल के दामों में 5-6 रुपए की वृद्धि हो जाने पर भारत बंद करा रही है। महामंत्री द्धय ने कहा कि भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के अधिकांश विकसित देशों ग्रीस, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्पेन, जापान, चीन जैसे दुनिया के 52 देशों में पेट्रोल भारत से ज्यादा महंगा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी ननिहाल इटली से पता करना चाहिए, जहां पेट्रोल के भाव 128.77 रुपए प्रति लीटर हैं।

महामंत्री द्वय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर सब्सिडी इसलिए नहीं दी, ताकि लोगों को अनाज सस्ते दामों पर और आसानी से उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि इसी का असर है कि 45 रुपए किलो बिकने वाली चीनी 32 रुपए किलो पर, 120 से 140 रुपए किलो बिक रही दालें 60 से 80 रुपए पर और 100 से 120 रुपए किलो मिल रही सब्जियां 40-50 रुपए प्रति किलो पर आ गई हैं। उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस का भारत बंद अनावश्यक है और पार्टी ने अकारण ही पूरे देश को परेशान करने का काम किया है।