मप्र में बीमारू राज्य के टैग के साथ लोगों का नजरिया भी बदला है : अरूण जेटली



केन्द्रीय वित्त मंत्री ने किया प्रबुद्ध वर्ग को संबोधित

जबलपुर। 15 साल पहले मप्र देश के बीमारू राज्यों में शुमार था और आज प्रदेश न सिर्फ विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा है बल्कि लोगों का नजरिया और उनका एजेंडा भी बदला है और यह बदलाव भाजपा की सरकार व शिवराज जी के नेतृत्व में हुआ है उक्ताशय के उद्गार केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने जबलपुर में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के अवसर पर होटल नर्मदा जैक्सन में दिये। प्रबुद्ध वर्ग को संबोधित करते हुए श्री जेटली ने कहा कि 2003 के समय मैं प्रदेश का प्रभारी था और लगातार प्रवास के चलते मप्र में आना होता था और मुझे याद है कि मप्र का नाम कभी देश के 22वें तो कभी 25वें स्थान पर आता था। आजादी के बाद से देश के कुछ राज्य जिन्हें बीमारू कहा जाता था उनमें मप्र भी हुआ करता था और उस समय केवल 3 मुद्दे सड़क, बिजली और पानी हुआ करते थे। इनकी कमी से लगता था कि जैसे हम अफ्रीका के जंगल में रहते हों किंतु आज 2018 में प्रदेश के लोगों का एजेंडा बदल चुका है अब तो बीमारू शब्द याद भी नहीं रहता है।

15 वर्षो में मप का उत्तरोत्तर विकास हुआ

श्री जेटली ने कहा 15 साल पहले कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि मप्र के दो शहर स्वच्छता में देश के पहले और दूसरे नम्बर पर शुमार होंगे। 15 साल पहले किसी ने नहीं सोचा होगा कि मप्र कृषि उत्पादन में देश का नम्बर 1 राज्य होगा। किसी ने नहीं सोचा होगा कि मप्र की आर्थिक ग्रोथ तेजी से आगे बढ़ेगी जो 10 प्रतिशत और कृषि की ग्रोथ 20 प्रतिशत होगी क्योंकि विश्व में 3 या साढ़े 3 प्रतिशत की आर्थिक ग्रोथ को अच्छा माना जाता है और विकसित देशों में एक से डेढ़ प्रतिशत की आर्थिक ग्रोथ को बेहतर माना जाता है किंतु मप्र की आर्थिक ग्रोथ लगातार 10 प्रतिशत से बढ़ी है। किसी प्रदेश के शहर आगे बढ़ते हैं और गांवों का स्तर ऊपर उठता है तो उसका असर व्यापार और उद्योग में पड़ता है। मप्र में भी शहरों और गांवों का उत्तरोत्तर विकास हुआ है जिससे प्रदेश आगे बढ़ा है। मुख्यमंत्री शिवराज जी की सफलता है कि अब जनता की सोच बदली है और उन्नति एवं विकास के विषय में सोचा जाता है।

साढ़े चार वर्षो में देश आर्थिक रूप से मजबूत हुआ

श्री जेटली ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनी उसके पहले पूरे विश्व में भारत की सिर्फ यह चर्चा होती थी कि यहां पॉलिसी पैरालिसिस मतलब नीति को लकवा मार गया है और यहां की अर्थव्यवस्था चरमरा रही थी साथ ही देश की इन्फिलेशन 10.4 प्रतिशत थी उसके पीछे कई कारण थे जिनमें आर्थिक मामलों में पिछड़ापन, भ्रष्टाचार और कई स्कैम वजह बने। इन परिस्थितियों के बाद साढ़े चार साल में मोदी जी के नेतृत्व में हमने इन्फिलेशन को 3.5 प्रतिशत तक लाया और देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ी है। 2014 में हम दसवें नम्बर पर थे और चार वर्षों में पूरे विश्व में हम छठवें नम्बर पर आ गये है। आने वाले समय में हम यूनाइटेड स्टेट और चाइना के बाद तीसरे नम्बर पर होंगे।
श्री जेटली ने कहा कि देश के टैक्स सिस्टम में बदलाव किया गया जिसका फायदा अर्थव्यवस्था पर हुआ है ऑनलाइन टैक्स पे करने जैसी सुविधा मिलने से पर्सनल टैक्स बढ़ा है और इन्कम टैक्स के लागू होने से लेकर 2014 तक पूरे देश में 3.8 करोड़ आयकर दाता थे जो साढ़े चार सालों में दोगुने हो गये हैं। पहले सिर्फ 58 प्रतिशत लोगों का बैंक खाता था हमने 33 करोड़ लोगों को बैंकों से जोड़ा और आज शासन की योजनाओं का लाभ सीधे उनके खाते में मिलता है। देश में 2014 के पहले स्वच्छता अभियान के बारे में कोई बात नही करता था मात्र 39 प्रतिशत शौचालय थे जिस पर जागरूकता लाकर आज 92 प्रतिशत शौचालयों का निर्माण हुआ है। गरीब महिलाओं के घरों में उज्जवला योजना के तहत घरेलू गैस का लाभ 6.5 करोड़ महिलाओं को मिला है और आगे 8 करोड़ तक ले जाने का हमारा लक्ष्य है। देश के 7 लाख गांवों में उजाला योजना से बिजली पहुंची है जिसका लाभ सीधे तौर पर गांव में निवासरत जनता को हुआ है। आयुष्मान भारत योजना से 10 करोड़ परिवारों को बीमारी सहायता हेतु 5 लाख रूपये तक की मदद सरकार द्वारा दी जायेगी यह विश्व की सबसे बड़ी हैल्थ केयर स्कीम है। इन सब योजनाओं को बनाने और साकार करने के लिये मजबूत और सशक्त नेतृत्व वाली सरकार का होना आवश्यक होता है क्योंकि कोई कंगाल सरकार यह नहीं कर सकती।

कांग्रेस झूठ के सहारे मुद्दे बना रही है

श्री जेटली ने कहा देश के लोगों की सोच में अंतर आया है और विपक्ष के पास सरकार के विरोध में बोलने कोई विषय नहीं है तो झूठ का सहारा लिया जा रहा है और मुझे लगता है कि वर्तमान कांग्रेस के जो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं वह 1947 के बाद से सबसे ज्यादा नासमझ राजनेता कोई भी नहीं हुए है। कांग्रेस लगातार राफेल मुद्दे पर झूठ को आगे कर कर जनता को भ्रमित करने के साथ राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ करती रही है और उनके अध्यक्ष आज भी उस झूठ पर कायम हैं। देश में एक ऐसा माहोल बनाया जा रहा है जिसमें संस्कार शब्द को अपशब्द के रूप में दर्शाया जा रहा है और जो राष्ट्रवाद की बात करे उसे गलत साबित कर माओवादियों और हिंसा का सहारा लेने वाले को मानवाधिकार कहा जा रहा है। यह राजनैतिक दिवालियापन के संकेत हैं।

सक्षम नेतृत्व और निर्णय लेने वाली सरकार पुनः बनाइये

श्री जेटली ने कहा कि हमें ऐसा नेतृत्व और ऐसी सरकार चाहिये जिसमें निर्णय लेने की क्षमता हो न कि ऐसा नेता जो कई लोगों पर निर्भर हो जिसमें खुद कोई क्षमता न हो। कांग्रेस मप्र, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में तो एक हो नहीं पाई तो देश में यह स्थिरता कैसे देंगे इसीलिये आज देश और मप्र में जो परिस्थिति है उससे लगता है कि इतिहास ने एक बड़ा अवसर दिया है क्योंकि पहले भी औद्योगिक क्रांति आई और चली गई दूसरी आई और चली गई पर अब हमें अवसर मिला है कि जो हमने खो दिया है उसे अब नहीं खोयेंगे देश को तेजी से आगे बढ़ाना है क्योंकि हम आने वाली पीढ़ियों का कल्याण कर पायेंगे। प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में दिल्ली के नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजेन्द्र फडके वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रविनंदन सिंह नगर अध्यक्ष श्री जी.एस.ठाकुर, मनोनीत विधायक श्रीमती एल.बी.लोबो, डॉ. जितेन्द्र जामदार मंचासीन थे। कार्यक्रम का संचालन सीए अखिलेश जैन ने किया। कार्यक्रम में अलग-अलग वर्ग के प्रतिनिधियों द्वारा अपने प्रश्न भी वित्त मंत्री श्री जेटली के समक्ष रखे गये जिनका जवाब श्री जेटली ने दिया। कार्यक्रम में डाक्टर्स, एडवोकेट्स, उद्योगपति, व्यापारी, शिक्षाविद्, पत्रकार एवं छात्र छात्राओं ने भागीदारी की।