पार्टी संगठन ने मेरे कार्यो एवं मेरी क्षमता व छवि को देखते हुए पुन: विश्वास किया – श्री देवेन्द्र वर्मा



खंडवा। राजनीति मेरा सेवा का माध्यम है और शहादत पर किसी प्रकार की कोई राजनीति नहीं की गई है। पार्टी संगठन ने मेरे कार्यो एवं मेरी क्षमता व छवि को देखते हुए पुन: विश्वास किया है और केन्द्र व प्रदेश नेतृत्व ने तीसरी बार मुझे पार्टी का उम्मीदवार सर्वे के आधार पर बनाया है मैं संगठन का आभार मानता हूं। साथ ही उम्मीदवारी घोषित होते ही मैं पार्टी के वरिष्ठगणों के साथ ही शहर की सभी सामाजिक, धार्मिक हस्तियों के यहां आशीर्वाद प्राप्त करने जा रहा हंू। इसी कड़ी में शहीद स्व. सीताराम यादव के निवास पर भी ज्योति भाभी का आशीर्वाद प्राप्त करने गया था और उनसे निवेदन किया था कि मुझे मेरी पार्टी ने फिर से उम्मीदवार बनाया है, आपके आशीर्वाद के साथ ही निवेदन है कि 5 नवंबर को एसडीएम कार्यालय में मुहुर्त का नामांकन प्रस्तुत करूंगा, यदि आपको उचित लगे तो आप उपस्थित होंगी तो मेरा मान बढ़ेगा। आप अपने भाई को लेकर कार्यालय आ जाना। यह बात पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाजपा के खंडवा विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार देवेन्द्र वर्मा ने कही। श्री वर्मा ने कहा कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए चहुंमुखी विकास के साथ मैंने विकास कार्यो का कीर्तिमान स्थापित किया है जो जनता के सामने हैं। उम्मीदवारी घोषित होते ही मैं 100 से अधिक शहर की महान हस्तियों के यहां पहुंचकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया है। विकास कार्यो की बदौलत हम फिर मतदाताओं के समक्ष पहुंचेंगे और केन्द्र व प्रदेश की चल रही योजनाओं व किए गए विकास कार्य के नाम पर प्रदेश में चौथी बार भाजपा की सरकार बनाने के लिए अनुरोध करेंगे। निश्चित तौर पर पार्टी के वरिष्ठजनों व जांबाज कार्यकर्ताओं की बदौलत हम हमारा ही जीत का रिकार्ड तोड़कर फिर जनता के सामने विकास कार्यो को लेकर उपस्थित होंगे। मीडिया प्रभारी सुनील जैन ने बताया कि देवेन्द्र वर्मा और पार्टी के कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर ज्योति भाभी अपने भाई के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंची थी और सम्मान के साथ पार्टी के जिलाध्यक्ष हरीश कोटवाले ने नामांकन पत्र प्रस्तुत करने में पांच लोगों में सम्मान की दृष्टि से ज्योति भाभी को भी शामिल किया था जबकि पार्टी के अन्य वरिष्ठजन कार्यालय के बाहर ही रहे। देवेन्द्र वर्मा और पार्टी के पदाधिकारी उनके निवास पर पहुंचे थे और नामांकन पत्र प्रस्तुत करने में उन्हें आमंत्रित किया था उन्हें किसी प्रकार के धोखे में नहीं रखा था।