वन स्ट्रोक ऑफ पेन से मेन्युफेक्चर सेक्टर में बड़ा बूस्ट आएगा-श्री सैयद जफर इस्लाम
इंदौर, देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने देश के एमीसेमी सेक्टर और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को दीपावली का तोहफा देते हुए बड़ी घोषणा की है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी देश की अर्थव्यवस्था को लेकर हमेशा सजग रहते है, उस अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृषि के बाद अगर कोई स्तम्भ बन सकता है, तो वो है मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर। उसमे लघु व माध्यम उद्योगों का सबसे बड़ा योगदान रहता है। इंदौर प्रदेश की
औद्योगिक नगरी है, इसलिए ये बात और भी महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश का बिजनेस सेंटर इंदौर है, इसलिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की यह सौगात यहाँ के उद्योगों तक पहुँचना चाहिए कि केंद्र की भाजपा सरकार और मोदी जी उद्योगों बढ़ावा व प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि लघु व मंझोले उद्योग के लिए हैंडहोल्डिंग की आवश्यकता है। उसी को ध्यान में रखते हुए ये घोषणाएं की गई हैं। यह बात आज सुबह होटल दिव्य पैलेस में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गोपालकृष्ण अग्रवाल ने कही। उन्होंने कहा कि साढ़े 6 करोड़ यूनिट है पूरे देश मे जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अंतर्गत आती है। और कृषि के बाद में साढ़े बारह करोड़ रोजगार इसके तहत जनरेट होते है। और इसका जीडीपी में टोटल कॉन्ट्रिब्यूशन जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का टोटल है उसका 25 प्रतिशत जीडीपी में कॉन्ट्रिब्यूशन है। और उसमे से एमएसएमई सेक्टर का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 70 % कॉन्ट्रिब्यूशन हैं। हम यह मानकर चलते है कि जो हमारे मिसिंग लिंक है। आजादी के बाद हमारी कृषि आधारित व्यवस्था थी, लेकिन जैसे जैसे आर्थिक विकास हुआ, तब हमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की और बढ़ना चाहिए था, उस तरह का फोकस अभी तक किसी सरकारों में नहीं दिखा, इस क्षेत्र को कही न कही पूरी तरह से उसके सहयोग व समर्थन के लिए जिस तरह का फोकस्ड अप्रोच सरकार का होना चाहिए था, वो नहीं रहा। केंद्र सरकार ने साढ़े चार साल में कई महत्वपूर्ण इनिसिएटिव लिए हैं । उन इनिसिएटिव के साथ जो घोषणाएं की गई है उन्हें इंटिग्रेड करके देखे तो देश की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा परिवर्तन इस क्षेत्र के तहत आएगा।
श्री अग्रवाल ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार कैसे सोचती है? प्रदेश सरकारों के साथ इंटिग्रेड करके कैसे केंद्र सरकार की जो आर्थिक नीतियां है, वो समाज के हर वर्ग को खासकर माध्यम वर्ग को किस प्रकार सहयोग कर सकती है। उसके बारे में सरकार की सोच की जानकारी होना चाहिए। सबसे पहली बात ये है कि प्रधानमंत्री श्री मोदीजी ने कहा है कि टेक्नोलॉजी के द्वारा देश से भ्रष्टाचार को दूर करना है, सर्विस डिलीवरी को इम्प्रूव करना है, टैक्स कलेक्शन को मजबूत करना है, और सरकार की योजनाओ को आम जनता तक पहुँचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मार्ग टेक्नोलॉजी है। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार में दिखता है। इंफ्रास्ट्रक्चर को टेक्नोलॉजी से जोड़कर मेन्युफेक्चरिंग सेक्टर के पार्ट्स उद्योगिक घराने, बैंक, पर्चेसिंग सिस्टम को एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध करना चाहिए। यदि उससे समाज के लोगों, इंटरमिडेडिज को जोड़ा नहीं तो उसका फायदा इस तरह से नहीं आएगा। यदि हमने फिक्स अकॉउंटेबली करके एफिशियंसी लेकर एक ट्रांसपरेन्सी करप्शन फ्री इको सिस्टम बिजनेस डेवलोप करने का प्रयास किया है। यह छोटे मंझोले उद्योगों के लिए दीवाली गिफ्ट के रुप में मोदी सरकार ने घोषणा की है। उससे पूरे देश मे महत्वपूर्ण बदलाव एमएसएमई सेक्टर मे आने वाले है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री मो. सैयद जफर इस्लाम जी ने कहा कि जब आप एक टैक्स सिस्टम से दूसरे टैक्स सिस्टम में माइग्रेट करते है, मतलब आप एक घर से दूसरे घर मे शिफ्ट करते है तो कई छोटे बड़े बदलाव आते है। लेकिन आपके पास ऐसी सरकार है, जो आपकी बात सुनकर तुरंत समाधान निकाले, इसके लिए सरकार ने सुझावों का अध्ययन करके संशोधन किये हैं। एक टैक्स सिस्टम जो वर्षो पुराना था, बहुत काम्प्लेक्स था, उसको बिल्कुल साधारण टैक्स सिस्टम जीएसटी में परिवर्तित किया। इसलिए शुरू में तकलीफे आयी। लेकिन मैं यकीन से कह सकता हूँ कि दुनिया की हर इकॉनमी ने इस बात का अध्यन्न किया है, मात्र साढ़े चार सालों में ऐसा क्या हुआ कि हिंदुस्तान की इकॉनमी जो 2013 में दुनिया की 5 कमजोर इकॉनमी में थी। वो पिछले साढ़े चार सालो में जो प्रगति हुई है, उसके कारण आज हम दुनिया के 5 टॉप इकॉनमी में शामिल है। दुनिया की 5 चरमराती इकॉनमी से 5 टॉप इकॉनमी में आने का पूरा श्रेय पॉलिसी चेंजेस को जाता है, अगर पॉलिसी चेंजेस से आने वाले दिनों में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़े परिवर्तन देखने को मिलेंगे। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने वन स्ट्रोक ऑफ पेन में समाधान निकालते हुए छोटे व मंझोले उधोगों की चिंता की है। प्रधानमंत्री श्री मोदी छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने का प्रयास करते रहते है, उनकी चिंता रहती है कि किस प्रकार छोटे व्यापारी भी अपने आप को मजबूत कर सके, वो खुद की प्रगति कर सके? खुद प्रगति के साथ-साथ रोजगार देंने का जरिया भी बने। सरकार की कोशिश है कि मेन्युफेक्चर सेक्टर में बड़ा बूस्ट आये, उसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ऐतिहासिक फैसले लिए है। सरकार ने यह भी संदेश देने का काम किया है, कि आने वाले समय मे मेन्युफेक्चर सेक्टर के विकास और रोजगार उत्पन्न करने के लिये यदि कड़े फैसले लेने पड़ेंगे तो सरकार पीछे नहीं हटेगी।