– एक तरफ भगवान शिव का अपमान, दूसरी और उनके मंदिर में पूजा का ढोंग बना कांग्रेस की नीति
खरगोन। विधानसभा चुनाव में लाभ पाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी महाकाल मंदिर जाकर दर्शन करते हैं, वहीं उनकी ही पार्टी के नेता शशि थरूर शिवलिंग पर चप्पल मारने की बात करते हैं। कांग्रेसियों का यह दोहरा रवैया क्या उचित है? थरूर के बयान के लिए राहुल गांधी को देश की जनता से माफी मांगना चाहिए और अराध्य देवता के अपमान पर थरूर को पार्टी से बाहर निकालना चाहिए। यह बात खरगोन भाजपा जिलाध्यक्ष परसराम चौहान ने कही है। उन्होंने कहा कांग्रेस अपने चाल, चरित्र व चेहरा स्पष्ट करें कि वे धार्मिक भावनाएं भड़काकर देश की जनता को आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं। अगर राहुल गांधी शशि थरूर के बयान से सहमत हैं तो देश की जनता यह समझ जाएगी कि वे मंदिर जाने, तिलक लगाने और जनेऊ पहनने का सिर्फ ढांग कर रहे हैं और अगर राहुल गांधी को यह लगता है कि शशि थरूर ने गलत कहा है तो राहुल को सार्वजनिक तौर पर देश की जनता से माफी मांगना चाहिए या शशि थरूर को तत्काल पार्टी से बाहर करना चाहिए। श्री चौहान ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस की करारी हार हुई थी, उसके बाद एंटोनी कमेटी बनी थी। उस कमेटी ने एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें यह उल्लेखित था कि कांग्रेस पार्टी की पहचान मुस्लिम पार्टी के रूप में है और उसे चाल, चरित्र और चेहरा बदलने की आवश्यकता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी रिपोर्ट की उन्हीं आवश्यकताओं के लिए मंदिर-मंदिर जाने का नाटक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर जाने से सद्बुद्धि आती है भले ही राहुल गांधी विशेष प्रयोजन के लिए मंदिर-मंदिर जा रहे हैं, भगवान उन्हें सद्बुद्धि देगा ताकि वे शशि थरूर के बयान पर जनता से माफी मांगे या शशि थरूर को पार्टी से बाहर करें।