हम सभी के लिए प्रेरणादायी है महर्षि बाल्मीकि जी का जीवन – केंद्रीय मंत्री तोमर


ग्वालियर। मैं अपनी ओर से और भारतीय जनता पार्टी की ओर से महर्षि बाल्मीकि जी के चरणों में प्रणाम करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि वह हम सब को आशीर्वाद दें हम सब भेदभाव के साथ न रहते हुए अपने जीवन का निर्वाहन कर सके, हम सब जानते हैं महर्षि बाल्मीकि भारतीय संस्कृति का एक ऐसा चरित्र है, इस चरित्र को पढ़कर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में महानता प्राप्त कर सकता है। तात्कालीन समय को देखें तो हमारा भारतीय समाज जाति व्यवस्थाओं के ऊपर है और हमारे समाज में जात-पात एक विकृति की तरह फैल गई है, यह सब मनुष्यों की देन है। ईश्वर ने किसी को भी छोटा या बड़ा नहीं बनाया, हम सब को एक जैसा बनाया है, अगर आज हम देखें तो किसी भी जाति का व्यक्ति हा,े उसके अंदर लाल रंग का खून रहता है। किसी भी जाति का कोई व्यक्ति ऐसा भी दिखाई नहीं देता कि उसके चार हाथ हो चार पैर हो, ईश्वर ने मनुष्य को बनाया तो सबको समदर्शी बनाया, समतुल्य बनाया, यहां पर किसी को भी बड़ा नहीं बनाया, हर व्यक्ति को ईश्वर ने आत्मतत्व दिया। व्यक्ति किसी भी जाति का हो, किसी भी वर्ग का हो, मनुष्य केवल हाड-मास के कारण जीवित ही नहीं है, बल्कि वह आत्मतत्व के कारण जीवित है। आत्मतत्व शरीर से निकल जाता है, शरीर दाह संस्कार करने की स्थिति में आ जाता है। पूर्ण रूप से ईश्वर का अंश है वह केवल आत्मतत्व। ईश्वर ने मनुष्य को यह आत्म शक्ति प्रदान की चाहे तो अपने जीवन को सकारात्मक रूप से प्रबंल कर सकते हो, इसीलिए इस संसार में दैत्य भी हैं और देवता भी। जो देवताओं के रास्ते पर चला वह देवता बन गया जो दैत्य के रास्ते पर चला वह दैत्य बन गया। उक्त उद्गार आज केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने महर्षि बाल्मीकि जयंती के अवसर पर कंपू जैन पेटोल पंप के पास स्थित महर्षि बाल्मीक के मंदिर में महर्षि बाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कही।
श्री तोमर ने कहा कि महर्षि बाल्मीकि हम सबको यही प्रेरणा देते हैं, अगर आपका कर्म ठीक है, अगर आपकी सोच ठीक है और आपकी बुद्धि ठीक है और आप अपने जीवन में ध्यान लगाते हैं तो आप मेरे जैसे महान बन सकते हैं। यह महर्षि बाल्मीकि का संदेश हम सब के लिए प्रेरणा है। महर्षि बाल्मीकि बहुत बड़े ऋषि थे। हमारे बीच में वह शरीर से नहीं है बल्कि प्रेरणा, उनकी जीवन पद्धति, उनकी सोच हम सब के मध्य जिंदा रखती है। आज हम प्रभु राम को आदर्श मानते हैं, उनके बताए हुए रास्ते पर चलते हैं, भगवान राम में आस्था रखते हैं, भगवान राम की मर्यादाओं को ठीक से मांगते हैं तो महर्षि बाल्मीकि जी की वजह से। महर्षि बाल्मीकि ने भगवान राम का चरित्र ठीक से नहीं रखा होता तो शायद आज हम भ्रमित होते। महर्षि बाल्मीकि ने रामायण में भगवान राम का चरित्र ठीक से रखा, इसीलिए हम भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं। सब सांसारिक प्राणी है और सांसारिक प्राणी की तरह जीवन व्यतीत करते हुए मर्यादाओं का पालन करते हुए असत्य के विरोध में और सत्य को मजबूत बनाने में योगदान कर सकते हैं। महर्षि बाल्मीकि का यह संदेश प्रभु राम के माध्यम से हम सबको जीवन में अपनाना है और महर्षि बाल्मीकि का यह संदेश अपने भीतर स्वीकार करें और उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास करें और अपने जीवन को सार्थक बनाएं। ऐसी कामना करता हूं महर्षि बाल्मीकि का आर्शीवाद हम सबको मिले हम सब उनके बताए हुए रास्ते पर चलें।
इस अवसर पर महर्षि बाल्मीकि जयंती के अवसर पर बाल्मीकि जी के जीवन पर महापौर विवेक शेजवलकर और जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा ने भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन अजा मोर्चा के महामंत्री संतोष गोडयाले ने किया। इस अवसर पर महामंत्रीगण कमल माखीजानी, शरद गौतम, महेश उमरैया, सभापति राकेश माहौर, पूर्व महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता, मनीष राजौरिया, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष खुशबू गुप्ता, मंडल अध्यक्ष महेंद्र सिंह सोलंकी, कोषाध्यक्ष प्रमोद खंडेलवाल, जंडेल गुर्जर सहित सैकडों भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।