भारत से किया पहला आंतरिक सुरक्षा समझौता


भारत और चीन के बीच आंतरिक सुरक्षा में सहयोग के मुद्दे पर पहली बार समझौता हुआ, जिस पर दोनों देशों के आला मंत्रियों ने दस्तखत किया. भारत की ओर से गृहमंत्री राजनाथ सिंह और चीन की ओर से पब्लिक सिक्युरिटी मिनिस्टर ज़ाओ कजाई के बीच ये करार हुआ. इस समझौते के दौरान खास बात ये रही कि अरुणाचल प्रदेश का कोई सांसद यानी मौजूदा सांसद और गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू भी पहली बार इस समझौते के दौरान मौजूद थे. चीन हमेशा से अरुणाचल को विवादित हिस्सा मानता रहा है और समझौते के वक्त रिजिजू की मौजूदगी चीन के बदले हुए नरम रुख का संकेत हैं. चीन के पब्लिक सिक्युरिटी मिनिस्टर ज़ाओ किजाई सोमवार को गृह मंत्रालय पहुंचे, जहां भारत और चीन के बीच अहम करार हुआ. इस दौरान किजाई ने पहले गृहमंत्री से अकेले में भेंट की, फिर दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच वार्ता हुई.
भारत और चीन के प्रतिनिधिमंडल की बैठक के दौरान सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें सबसे ज्यादा जोर आतंकवाद पर काबू पाने पर दिया गया. इसके अलावा मानव तस्करी, ड्रग ट्रेड, साइबर क्राइम, वित्तीय अपराध पर अलग-अलग एजेंसियों के बीच सहयोग पर भी चर्चा हुई. इस बातचीत में यह तय हुआ कि एनआईए, एनसीबी जैसी भारतीय एजेंसियां भारत की ओर से चीन की संबधित एजेंसियों को सहयोग करेंगी और उनका सहयोग लेंगी. इस बैठक में दोनों देशों ने अपनी-अपनी चिंताएं भी रखी, जिस पर आगे काम करने की सहमति बनी. इस दौरान भारत ने मसूद अजहर के अलावा उत्तर पूर्वी भारत में एक्टिव टेरेसिस्ट ग्रुप को लेकर चीन के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की, जबकि चीन ने शिंजियांग प्रांत में वीगर समस्या पर चर्चा की.