पांच पीढ़ियों से एकात्मता के लिए कार्यरत है संघ

– विजयादशमी के उपलक्ष्य में निकला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नगर पथ संचलन, विभाग प्रचारक अजय पाटीदार ने दिया मार्गदर्शन
खरगोन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 1925 से एकात्मता का भाव लेकर समाज के बीच कार्यरत है। संघ आज भी पांच पीढ़ियों से चली आ रही विचारधारा लेकर चल रहा है। संघ का उद्देश्य राष्ट्र सेवा के साथ हिंदुओं को एकत्रित करना है। विविधता में एकता हमारी पहचान है।
रविवार को यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खरगोन विभाग प्रचारक व मुख्य वक्ता अजय पाटीदार ने संघ के स्थापना दिवस विजयादशमी के उपलक्ष में नगर में निकले विशाल पथ संचलन के पूर्व उपस्थित स्वयंसेवकों से कही। इससे पहले प्रातः 8ः30 बजे बीटीआई रोड स्थित सरस्वती विद्या मंदिर परिसर पर स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण हुआ। तत्पश्चात अतिथियों द्वारा शस्त्र पूजन एवं ध्वज वंदन किया गया। बौद्धिक में मुख्य वक्ता श्री पाटीदार ने कहा पिछले कुछ दिनों से समाज का एक तबका जो कमजोर व दुर्बल हैं, जिसे स्वार्थ प्रेरित राजनीति करने वाले लोगों ने केंद्रबिंदू बनाकर समाज व देश को तोडऩे की कोशिशें शुरू कर दी हैं। जिस प्रकार असंख्य पेड़ व पत्थरों से निर्मित रामसेतु की दरारों को हजारों नन्हीं गिलहरियों ने भरकर भगवान श्रीरामजी की वानर सेना का मार्ग सुगम किया था, उसी प्रकार हिंदू समाज में व्याप्त जातिवाद रूपी दरारों को भरना हम सभी का काम है। श्री पाटीदार ने कहा चुनावों में वोट बैंक बनाने वाले अब देश तोडऩे का षड़यंत्र करते नजर आ रहे हैं। एक समय था जब पूरा देश हिंदू कहने, बोलने पर गौरवांवित होता था, लेकिन आज स्थिति यह हो गई है कि जिले के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां लोग देश को देश नहीं मानते। यह स्थितियां क्यों हो रही हैं? इस खेल में कठपुतली के समान कौन नाच रहा है, कौन नचा रहा है, किसको लाभ मिल रहा है और किस की हानि हो रही है। हमें धैर्य, विवेक की आवश्यकता है। संघ चाहता है कि समाज में समरसता का भाव बना रहे, इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।

30 से अधिक स्थानों पर हुआ स्वागत
सरस्वती विद्या मंदिर के मैदान से दंड वाहिनी की अगवानी में पथ संचलन की शुरुआत हुई। तत्पश्चात भगवा ध्वज लिए घोष वाहिनी एवं आखिरी में स्वयंसेवक वाहिनी ने पथ संचलन को विस्तार दिया। प्रमुख मार्गों से होकर निकले संचलन में नगर की 15 बस्तियों के सैकड़ों स्वयंसेवकों ने भागीदारी की। नागरिकों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर संचलन का स्वागत किया। 30 से अधिक स्थानों पर बड़ी संख्या मे मातृशक्ति एवं समाजजन ने मंच लगाकर व पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। गली-मोहल्लों में घर की छतों से भी पुष्पवर्षा हुई।