बडा गणपति से बिजासन माता मन्दिर तक आस्था का ‘‘महासागर’’


‘‘सामाजिक समरसता’’ का संकल्प लेकर निकली ढ़ाई किलो मीटर लम्बी चुनरी यात्रा, हजारों श्रध्दालुओं ने थामी चुनरी
मार्ग के एक ओर चुनरी यात्रा और दुसरी ओर चालू रहा यातायात पष्चिमी क्षेत्र की परंपरागत ‘‘विषाल चुनरी यात्रा’’ निकली

सामाजिक समरसता के संकल्प के साथ विशाल चुनरी यात्रा आज ऐतिहासिक स्वरूप में सम्पन्न हुई। माँ नवदुर्गा के उपासना पर्व नवरात्रि में विशाल चुनरी यात्रा बडा गणपति मन्दिर में श्री गणेष की पूजा अर्चना के पश्चात प्रारंभ हुई, लाखोें श्रध्दालु बिजासन माता मन्दिर में ढ़ाई किलोमीटर लम्बी सितारों से जडी चुनरी लेकर पहुंचे, बिजासन माँ को लाखों सलमा सितारों से जड़ी चुनरी चढ़ाई। विशाल चुनरी यात्रा में एक लाख से अधिक श्रध्दालु व राष्ट्रभक्त सम्मिलित हुए। बड़ा गणपति चौराहा पर बने मंच से भाजपा वरिष्ठ नेता माखनसिंह जी, हाउसिंग बोर्ड अध्यक्ष कृष्णमुरारी मोघे, भाजपा नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा, आय.डी.ए. अध्यक्ष षंकर लालवानी, डा. उमाषषि षर्मा, पंचकुईया राम मंदिर के संत श्री गोस्वामी व्रजोउत्सव जी महाराज, महामण्डलेष्वर संतश्री राधे-राधे बाबा, वल्लभाचार्य जी महाराज, चेतन स्वरूप जी महाराज, महामण्डलेष्वर संतश्री दादू महाराज, गोपाल दास जी महाराज, चिन्म्यानन्द जी महाराज, मंण्डल अध्यक्ष राजेष षर्मा, विजय बिजंवा, रमाकांत गुप्ता, जयदीप जैन, कमल वाघेला सहित अनेक साधु-संतों ने चुनरी यात्रा प्रारंभ की।
क्षेत्रीय विधायक श्री सुदर्षन गुप्ता जनता के बीच खडे़ होकर विषाल चुनरी यात्रा को निहार रहे थे।
6 किलोमीटर लंबी यात्रा के दोनां सिरे श्रध्दालुओं से जुडे़ हुए थे। चुनरी यात्रा इतनी विषाल थी, कि इसका पहला सिरा बिजासन माता मन्दिर पर पहुंच गया था, तो दूसरा सिरा बड़ा गणपति मन्दिर पर ही था।

श्रध्दालु माता के जयकारों के साथ अपने अपने क्षेत्रों से आ रहे थे। लाल-पीली व केसरियां साड़ियों में महिलायें तथा पुरूष श्वेत वेशभूषा में सम्मिलित थें, जो लाखां सितारों से सजी ढ़ाई लम्बी चुनरी लेकर भक्ति भाव के साथ चल रहे थे, सम्पूर्ण यात्रा मार्ग श्रध्दालुओं की भक्ति से प्रवाहित था। चुनरी यात्रा में सबसे आगे ओ3म् की धर्म ध्वजा थी।

ओ3म् अंकित केसरिया धर्म ध्वजा लिये ध्वज वाहिनी नेतृत्व करती हुई चल रही थी।

विशाल चुनरी यात्रा में इस बार महाराष्ट्र का विश्व प्रसिद्ध नासिक ढोल विषेष आकर्षण का केन्द्र रहा। अमरावती के 80 सदस्य नासिक ढोल की खासियत यह है कि इसके सदस्यों ने कई फिल्मों के साथ साथ कई अभिनेताओं -राजनेताओं के आयोजनों में प्रस्तुति दी है। बैंड के सदस्य धोती कुर्ते में ढोल-लेझिम का लयबद्ध प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे।

चुनरी यात्रा में इस बार प्रसिद्ध भजन गायक गन्नू महाराज अपनी सुमधुर वाणी से भक्ति रस घोल रहे थे। गन्नू महाराज अपनी पूरी टीम के साथ खुले वाहन पर भजनों के माध्यम से माँ बिजासन की स्तुति करते हुए श्रद्धालुओं को भक्ति रस का पान करा रहे थे।

यात्रा में सिख समाज, मुस्लिम समाज, बोहरा समाज, बंगाली समाज के लोग अपने वैष-भूषा में शामिल हुए।

श्रध्दालुओ में धर्म के प्रति समर्पण और आस्था का सैलाब उमडते हुए देखते ही बनता था। इस विहंगम दृष्य ने महाकुंभ को सादृष्य कर दिया।

स्वच्छता ही सेवा का संदेष दिया –
स्वच्छता अभियान के नारे को चरितार्थ करते हुए श्री अजयसिंह जी नरूका के नेतृत्व में स्वयं सेवक कार्यकर्ता यात्रा के पीछे सफाई करते हुए चल रहे थें।
दो हजार से ज्यादा चुनरी रक्षक संभाल रहे थें चुनरी व यातायात व्यवस्था दो हजार से अधिक चुनरी-रक्षक कार्यकर्ताओं ने सम्पूर्ण यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाओं का संचालन किया। यात्रा श्रध्दा, विष्वास व संकल्प का महाकुंभ सी प्रतित हो रही थी। यात्रा अग्रसेन चौराहा, बी. एस. एफ चौराहा, षिक्षक नगर, कालानी नगर चौराहा, विघाधाम मंदिर से एरोड्रम रोड़ होते हुए बिजासन माता मंदिर पहुंची। सुव्यवस्थित व अनुषासित ‘‘विशाल चुनरी यात्रा’’ के कारण एरोड्रम रोड पर कही भी यातायात बाधित नहीं हुआ, क्योंकि यात्रा पूरे समय मार्ग के एक लेन पर चली व दूसरी लेन वाहनों के आवागमन के लिए खुल रखी साथ ही सुपर कॉरिडोर से छोटा बांगडदा व टाटा स्टिल का मार्ग तथा एयरपोर्ट थाने के पीछे से 60 फीट रोड़ चालू होने से राहगीरां एवं वाहनों चालकों को बाधा नहीं हुई। यात्रा संयोजक संजय कोल्पे ने कहा कि यह यात्रा हम धार्मिक भावना तथा देष भक्ति से ओत-प्रोत होकर निकालते है। पश्चिमी क्षेत्र पुराना इन्दौर माना जाता है। आज भी हमारे यहा परंपरागत त्यौहार रंगपंचमी, गणेष चतुर्थी और नवरात्री को पूर्ण निष्ठा व भक्ति-भाव के साथ मनाते आयें है। चुनरी यात्रा की तैयारियों को लेकर हमारे 3 हजार से अधिक युवा साथियों नें कडी मेहनत की हैं। इस विषाल आयोजन की तैयारियां 3 माह पूर्व से हम प्रारंभ करते हैं। यात्रा में आने वाली बहनों का पंजीयन व 400 से अधिक बैठकों के माध्यम से चुनरी यात्रा का संदेष और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी घर-घर पहुॅचाई जाती हैं। इस सफलता में हमारे सभी साथी और युवाओं का परिश्रम सम्मिलित हैं।