रोहिन्ग्या मुसलिमों को बंगाल में बसा रही हैं ममता – BSF

रोहिंग्या मुस्लिमों के भारत में आने को लेकर देश में राजनीतिक माहौल कई बार गर्माया है. राजनीतिक बयानों से अलग शुक्रवार को BSF के डीजी के.के. शर्मा का बयान सामने आया. के.के शर्मा का कहना है कि बॉर्डर से आने वाले रोहिंग्याओं को BSF ने पूरी तरह से रोक दिया है, लेकिन चिंता उन रोहिंग्याओं की है जो पहले से ही भारत में हैं.

के.के. शर्मा ने कहा कि भारत में मौजूद रोहिंग्याओं को वह राज्यों में बसने से नहीं रोक पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार रोहिंग्याओं के साथ मित्र व्यवहार करती है, वहां पर उन्हें कैंप में बसाकर रखा जा रहा है.

बता दें कि केंद्र सरकार भारत में मौजूद करीब 40,000 रोहिंग्याओं को वापस भेजने का प्लान कर रही है.
क्या रहा है ममता का रूख?
पिछले साल से ही रोहिंग्याओं के मुद्दे पर केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की सरकार के बीच ठनी हुई है. रोहिंग्या के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कह चुकी हैं कि ‘केंद्र सरकार ने हमें बताया है कि रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों के बीच आतंकवादी मौजूद हैं, मगर मुझे ऐसा नहीं लगता’.

जाली नोटों पर दिया बड़ा बयान
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डीजी बीएसएफ ने कहा कि बांग्लादेश बॉर्डर से भारत आने वाले जाली नोटों में भी अब भारी गिरावट आई है. उन्होंने इस अभियान के तहत बॉर्डर गार्डिंग बांग्लादेश (BJB) के सहयोग की भी काफी सराहना की. उन्होंने कहा कि इस साल भारत-बांग्लादेश सीमा पर मात्र 11 लाख के जाली नोट पकड़े गए हैं जो कि पिछले सालों की अपेक्षा काफी कम है.
जाली नोटों की तस्करी को लेकर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के DG शफीनुल इस्लाम ने कहा कि “बांग्लादेश सरकार ने डिटेक्टिंग मशीन लगाई है, चौकसी भी बढ़ाई है जिसके चलते जाली नोटों की तस्करी रोकने में हम कामयाब हुए हैं.
डीजी बीएसएफ ने कहा कि भारत ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए लगातार कदम उठा रहा है. इस साल बांग्लादेश से अवैध तरीके से ह्यूमन ट्रैफिकिंग करने वाले लोगों की धरपकड़ भी की गई है. जिसमें 11552 लोगों को सीमा पार करते हुए BSF ने पकड़ा है |