राफेल डील पर विपक्ष की तरफ से लगातार उठाए जा रहे सवालों के बीच वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने इसे एक बेहतर विमान सौदा करार दिया है। एयर चीफ मार्शल धनोआ ने कहा कि सरकार ने 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद कर बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि शत्रु के खिलाफ वायुसेना को उच्च गुणवत्ता वाले और उच्च प्रौद्योगिकी वाले विमान दिए जा रहे हैं। धनोआ ने आगे कहा कि हमने गतिरोध के बाद ये फैसला लिया था। हमारे पास तीन विकल्प थे। पहले कि हम अभी कुछ और इंतजार करते, राफेल लड़ाकू विमान को वापस करते या फिर आपातकालीन खरीद करते। और हमने आपातकालीन खरीददारी की। दोनों ही राफेल और एस-400 वायुसेना की मारक क्षमता को धार देने के लिए एक बेहतर सौदा है।
अन्य विमान लेते तो होती देरी
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि पहले से ही एचएएल के साथ हुए करार में डिलिवरी को लेकर काफी देरी हो रही है। सुखोई-30 की डिलिवरी तीन साल की देरी, जगुआर की डिलिवरी में 6 साल देरी, लाइट कम्बैट एयरक्राफ्ट की डिलिवरी में 5 साल की देरी और मिराज 2000 अपग्रेड की डिलिवरी में 2 साल की देरी है। नई दिल्ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि स्क्वाड्रोन्स का कमजोर होते जाना यह चिंता का विषय है।
रफाल सौदा अच्छा पैकेज है
यह सौदा ”अच्छा पैकेज है और विमान उपमहाद्वीप के लिए ”महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि दसॉल्ट एविएशन ने ऑफसेट साझेदार को चुना और सरकार तथा भारतीय वायुसेना की इसमें कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”राफेल एक अच्छा लड़ाकू विमान है। यह उपमहाद्वीप के लिये काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। वायु सेना प्रमुख ने कहा, ”हमें अच्छा पैकेज मिला, हमें राफेल सौदे में कई फायदे मिले।