जहां तीनों पाल होगें वहां नन्दलाल को आना ही पड़ेगा : आचार्य मृदुल कृष्ण शास्त्री

भागवत कथा का भव्य आयोजन, कलश यात्रा में उमडा आस्था का जन सैलाब, हजारों की संख्या में मंगल कलश लेकर पहुंची महिलाएं 

संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़)। भोपाल की सामाजिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक संस्था कर्मश्री के तत्वाधान में आयोजित आचार्य श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज के श्रीमुख से श्रीमद भागवत कथा का आयोजन कलश यात्रा से प्रारंभ किया गया। कलश यात्रा में हज़ारों की संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। विशाल कलश यात्रा के लिए दोपहर 01 बजे से महिलाएं मंगल कलश लेकर झूलेलाल विसर्जन घाट पहुची, दोपहर पौने दो बजे विशाल कलश यात्रा शुरू हुई। कर्मश्री संस्था के अध्यक्ष तथा हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने कलश यात्रा के पूर्व विधिवत/पूजा अर्चना की। विशाल मात्र शक्ति ने राधाकृष्ण के जय बोल कर यात्रा प्रारंभ की। महिलायें लाल और पीले परिधानों पर सिर पर कलश रखकर भक्तिभाव से 2 कि.मी. की यात्रा कर कथा स्थल के लिये रवाना हुई। कलश यात्रा का संत जी की नगरी संत नगर में भव्य स्वागत हुआ। श्रृद्धालुओं ने कलश यात्रा का फूल बरसाकर स्वागत किया। लगभग 2 किमी के क्षेत्र में अनेक स्थानों पर पंडाल लगाकर कलश यात्रा का स्वागत सम्मान किया गया। कलश यात्रा में 10,000 से अधिक महिलायें शामिल हुई।
विधायक रामेश्वर शर्मा सपत्नि कलश यात्रा के साथ अग्रिम पंक्ति में श्रीमद भागवत सिर पर रखकर चल रहे थे। संत हिरदाराम जी की कुटिया के सामने विशाल मैदान में जैसे ही कलश यात्रा का प्रवेश हुआ पूरा पंडाल राधेकृष्ण के जयकारों से गूंज उठा। महाराज मृदुल कृष्ण शास्त्री और विधायक रामेश्वर शर्मा कथा के पूर्व संत शिरोमणी हिरदाराम जी साहिब के समाधी स्थल पर माथा टेक आशीर्वाद ग्रहण किया। इसके बाद आचार्य मृदुल शास्त्री जी व्यास गादी पर विराजे और उन्होंने विधिवत श्रीमद भागवत पुराण की पूजा अर्चना करवायी। कर्मश्री के अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा सपत्नि संगीता शर्मा सहित संत हिरदाराम नगर के सैकडों गणमान्य नागरिकों ने श्रीमद भागवत की पूजा कर उन्हें आमंत्रित किया। इस अवसर पर सर्व श्री हीरोज्ञान चंदानी, पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष साबुमल रिझवानी, श्री ईश्वर लाल हिमथानी, शिक्षाविद् विष्णु गेहानी, तोलाराम हिमथानी, राम बंसल, रमेश हिंगोरानी, राकेश भदौरिया, सुशील वासवानी, जोन अध्यक्ष दीपा नरेश वासवानी, महेश खटवानी, मंडल अध्यक्ष चंदू ईसरानी, मंडल अध्यक्ष पृथ्वीराज त्रिवेदी, मंडल अध्यक्ष धर्मेन्द्र मेवाड़ा, मंडल अध्यक्ष बी.एस वाजपेयी, पार्षद भूपेन्द्र माली, पार्षद दिनेश यादव, किशन अच्छानी, ओमप्रकाश मेवाड़ा, तोलाराम हिमथानी, जिला अध्यक्ष प्रमोद राजपूत, जिलाध्यक्ष अशोक मीना, जिला महामंत्री वीरेन्द्र मारण सहित अन्य ने व्यास गादी की पूजा आरती कर आशीर्वाद लिया। कथा प्रारंभ के पूर्व कर्मश्री के अध्यक्ष एवं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि महालक्ष्मी की पूजा के बाद भी महिलायें अधिक से अधिक संख्या में कलश यात्रा में शामिल हुई। आज महाराज मृदुल कृष्ण शास्त्री द्वारा राजाभोज की नगरी भोपाल में पाचवीं बार भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है। महाराज जी पितृपक्ष में भागवत कथा के महत्व को बतायेंगें। विधायक शर्मा ने महाराज शास्त्री जी की ओर भोपाल के युवाओं से अपील की है कि वे भागवत कथा में शामिल होकर भारतीय परम्परा और शास्त्रों के ज्ञान को समझे, जिससे आये दिन महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और दुराचार में कमी लाई जा सके। कथा प्रारंभ होने के बाद महाराज जी ने राधेकृष्ण के भजनों के माध्यम से भगवान कृष्ण और राधा की स्तुति की। गोविंद के गुण गाईये, गोपाल के गुण गाईये ………… महाराज मृदुल कृष्ण शास्त्री जी ने श्रीमद भागवत कथा के पहले दिन भागवत कथा का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि भागवत सुनने से हृदय की शांति के साथ आत्मा भी आनंद से भर जाती है। मजा क्षणिक होता है लेकिन आनंद न खत्म होने वाला उत्साह है। कथा सुनने से मन आनंद से भर जाता है। पहले दिन महालक्ष्मी का वृत होने के कारण कथा तय समय से पूर्व समाप्त की गई ताकि महिलायें वृत का पूजन-अर्चन कर सके। बुधवार से कथा दोपहर 02 बजे आयोजन स्थल पर ही शुरू होगी।
एक तरफ संत है तो दूसरी तरफ भगवंत – आचार्य श्री मृदुल कृष्ण जी
संत शिरोमणि हिरदाराम जी साहिब के आंगन में कर्मश्री के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद भागवत कथा महायज्ञ का यह संयोग है की एक तरफ संत श्री हिरदाराम जी साहिब का समाधि स्थल है तो दूसरी और भागवत कथा का पाठ किया जा रहा है। आचार्य श्री ने कहा की संत जी यहाँ के कण कण में विधमान है जब मै उनके समधी स्थल पर उन्हें प्रणाम करने गया तो ऐसा प्रतीत हुआ जैसे उनका प्रत्यक्ष दर्शन कर रहा हूँ ! मुझे ऐसा इसलिए लगा क्यूंकि संत कभी मरते नहीं बल्कि वह सदैव चेतना के रूप में हमारे बीच रहते है।
श्रृद्ध पक्ष में कथा सुनने का महत्व
महाराज मृदुल कृष्ण शास्त्री ने श्राद्ध पक्ष में कथा सुनने का विशेष महत्व है; श्राद्ध का अर्थ है श्रद्धा। आप अपने पूर्वजों के लिये श्रृद्धा पूर्वक श्रीमद भागवत कथा सुनेंगे तो उसका पून्य पितृं के साथ आपके परिजनों को भी मिलेगा। श्रृद्धा पूर्वक कथा सुनने से पितृं को मोक्ष मिलेगा और उनकी कृपा और आशीर्वाद आपको प्राप्त होगा। ऐसे में इस श्रृद्ध पक्ष के महिने में कथा सुनने से मन को संतुष्टि मिलती है।
जो संपूर्ण पृथ्वी का पालन करता है उसे भोपाल कहते है- आचार्य श्री मृदुल कृष्ण षास्त्री :- शास्त्री जी ने बताया कि श्रीमद भागवत कथा सुनने को लेकर तीन चीजों का फल अवश्य मिलता है। यज्ञ स्थल, कौन सा यज्ञ और आयोजक। महाराज जी ने बताया कि कथा का यज्ञ स्थल राजाभोज की नगरी भोपाल है। यह स्थान संपूर्ण भारत का मध्य भाग है। मुझे तो यह भारत का हृदय नजर आता है। जो संपूर्ण पृथ्वी का पालन करता है उसे भोपाल कहते है। यह यज्ञ स्थल गोपाल के आहवान के लिये है। गोपाल की भक्ति के लिये इस यज्ञ में सब उपस्थित हुये है। यज्ञ के आयोजक जयपाल है, जयपाल यानि कर्मश्री संस्था। ऐसे में जहां तीनों पाल होंगे वहां नंदलाल को आना ही होगा। महाराज जी ने विधायक रामेश्वर शर्मा की तारीफ करते हुए कहा कि यह बहुत अच्छे जन प्रतिनिधि है। जो जन की सेवा करता है उनकी जन के बीच जय-जयकार होती है।