मध्यप्रदेश बनेगा एंटरप्रेन्योर नेटवर्क : गठित की जाएगी इनोवेशन काउंसिल
स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव में युवा उद्यमियों से रू-ब-रू हुए मुख्यमंत्री
भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के युवाओं को स्टार्ट-अप के लिये बिना ब्याज के 10 लाख रूपये तक का लोन और सीड केपिटल उपलब्ध कराया जायेगा। प्रदेश में इनोवेशन काउंसिल का निर्माण किया जायेगा। मध्यप्रदेश एंटरप्रेन्योर नेटवर्क बनेगा। नीति में परिवर्तन कर स्टार्ट-अप से बिना टेण्डर के 30 लाख रूपये तक की शासकीय खरीदी करने की व्यवस्था की जायेगी। प्रदेश में स्टार्ट-अप को बेहतर माहौल और सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी। देश में स्टार्ट-अप का नया डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव में युवा उद्यमियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के प्रारंभ में भोपाल मेट्रो परियोजना कार्यालय का लोकार्पण और 800 करोड़ रूपये के कार्यों का शिलान्यास भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में प्रत्येक युवा की महत्वाकांक्षा पूरी करने और प्रतिभा को स्वाभाविक रूप से प्रकट करने के अवसर उपलब्ध कराने के लिये स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सातों स्मार्ट सिटी में इन्क्यूबेशन सेंटर बनाये जा रहे हैं। इनमें स्टार्ट-अप शुरू करने के लिये युवाओं को सभी सुविधाएँ दी जायेंगी। चयनित महाविद्यालयों में भी पीपीपी मॉडल पर इन्क्यूबेशन सेंटर शुरू किये जायेंगे। प्रदेश में इनोवेटिव आईडियास के लिये वेंचर केपिटल फण्ड बनाया गया है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना को भी इससे जोड़ा जायेगा। इन्क्यूबेशन सेंटर में मेंटर के रूप में अच्छे उद्योगपतियों का सहयोग लिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि, पर्यटन और परिवहन जैसे क्षेत्रों में स्टार्ट-अप के लिये व्यापक संभावनाएँ हैं। प्रदेश में तीन नये एक्सप्रेस हाईवे इंदौर-भोपाल, चंबल एक्सप्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस हाईवे के समीप इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनाया जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश बीते पन्द्रह वर्ष में बीमारू श्रेणी से निकलकर विकसित प्रदेश बना है। इन वर्षों में सड़क, बिजली और सिंचाई की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया गया है। प्रदेश में नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना और नर्मदा-गंभीर लिंक परियोजना शुरू की गई है। सिंचाई क्षमता 7.5 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 40 लाख हेक्टेयर कर दी गई है। विद्युत की उपलब्धता 2900 मेगावॉट से बढ़कर 18 हजार 800 मेगावॉट हो गई है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन में स्टार्ट-अप की जरूरत है। इंदिरा सागर परियोजना में सोलर पैनल लगाकर विद्युत उत्पादन करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने युवाओं से कहा कि कोई भी काम असंभव नहीं है। प्रदेश के युवा नौकरी मांगने वाले नहीं, अपितु नौकरी देने वाले बनें।
देश में बने 20 हजार स्टार्ट-अप
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने कहा कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद दर 7.5 प्रतिशत है। अगले 30 वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद की दर 9 से 10 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य स्टार्ट-अप को बढ़ावा देकर ही संभव होगा। केन्द्र सरकार ने जनवरी 2016 में स्टार्ट-अप नीति बनाई थी। इसके बाद डेढ़ वर्ष में अनेक स्टार्ट-अप देश में आये। देश में स्टार्ट-अप के लिये 10,000 करोड़ का फण्ड बनाया गया है। स्टार्ट-अप के लिये शुरू के सात वर्षों में से किसी भी तीन वर्षों में शून्य प्रतिशत आयकर लगेगा। भारत सरकार के उपक्रमों की खरीदी में स्टार्ट-अप के उत्पादन खरीदे जायेंगे। देश में बीते चार वर्ष में 20 हजार स्टार्ट-अप बने हैं, जिनमें साढ़े चार हजार टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप हैं। देश में एक हजार 100 बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने शोध एवं विकास इकाईयाँ स्थापित की हैं।
मध्यप्रदेश ने वर्ष 2016 में अपनी स्टार्ट-अप नीति बनाकर पहल की है। इंदौर में स्टार्ट-अप के लिये बनाया गया ईको सिस्टम प्रशंसनीय है। मध्यप्रदेश के कई स्टार्ट-अप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में स्टार्ट-अप को बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने के लिये अच्छा काम हुआ है। मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने कहा कि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में मध्यप्रदेश कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब से आगे है। प्रदेश में बीते पाँच वर्षों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को 7 हजार 51 करोड़ रूपये की मदद दी गई है। प्रदेश में 346 स्टार्ट-अप बने हैं। स्टार्ट-अप के लिये प्रदेश में 100 करोड़ का वेंचर फण्ड बनाया गया है। वर्ष 2016 में स्टार्ट-अप नीति बनाई गई है। कॉन्क्लेव में इम्पेट्स के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी श्री प्रवीण कांकरिया ने कहा कि बीते दस वर्षों में प्रदेश में उद्योगों के लिये बेहतर वातावरण बना है। स्टार्ट-अप के लिये मेहनत के साथ बड़ी सोच जरूरी है। आर्ट ग्लोबल इन्फोटेक के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी श्री राहुल गुप्ता ने स्टार्ट-अप के क्षेत्र में अपने अनुभव बतायें। स्टार्ट-अप-युअर स्टोरी की मुख्य कार्यकारी सुश्री श्रद्धा शर्मा ने मध्यप्रदेश में स्टार्ट-अप के भविष्य सत्र का संचालन किया।
युवाओं से सम्वाद
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्टार्ट-अप कान्क्लेव में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर में मौजूद प्रतिभागियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीधा संवाद किया। श्री चौहान के साथ आत्मीय चर्चा में प्रतिभागियों ने स्टार्ट-अप से जुड़ी अपेक्षाओं, योजनाओं और आवश्यकताओं की जानकारी और सुझाव भी दिए। श्री चौहान ने कहा कि इन्क्यूबेशन सेंटर में नये विचार प्रस्तुत करें। स्टार्ट-अप की स्थापना से सम्बद्ध विभिन्न चरणों में उन्हें विशेषज्ञों से सहयोग, सुविधा और सलाह मिलेगी। श्री चौहान ने यह बात भोपाल (मंडीदीप) के निशांत शर्मा द्वारा एक्टीवेटेड कार्बन कटर के नवाचार का स्टार्ट-अप शुरू करने के संबंध में कही। मुख्यमंत्री ने सफल स्टार्ट-अप उद्यमियों से नये स्टार्ट-अप की सहायता और वेंचर फण्ड जैसी पहल करने की अपील की। विदिशा की स्टार्ट-अप उद्यमी श्रीमती प्रिया दुबे ने सफल स्टार्ट-अप उद्यमियों को राज्य से प्राप्त सहयोग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए नये स्टार्ट-अप को वित्तीय सहयोग देने का परामर्श दिया था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री आशीष भट्टाचार्य के डिजाईनिंग स्टार्ट-अप की आवश्यकता के सुझाव का भी समर्थन किया। श्री चौहान ने भोपाल के श्री अमितेश द्वारा स्टार्ट-अप के तैयार उत्पादों के बाजार संबंधी और सागर के श्री विकास जैन के बॉयोडिग्रेडबल कटलरी के विक्रय के संबंध में प्रश्नों के उत्तर में बताया कि शासन द्वारा स्टार्ट-अप के 30 लाख रूपये मूल्य तक के उत्पाद का बिना निविदा खरीदी का प्रावधान किया जा रहा है।
संवाद के दौरान मुख्यमंत्री को उज्जैन के श्री आकाश तिवारी ने इंदौर में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सरकार के प्रयासों से बड़े निवेशकों के आने के लिये आभार ज्ञापित करते हुए स्टार्ट-अप की एकल खिड़की की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने नवाचारों को अस्तित्व में लाने में आवश्यक सहयोग के लिये इन्क्यूबेशन सेंटर में विचार प्रस्तुत करने और शासकीय डेटा पब्लिक डोमेन में होने की जानकारी जबलपुर की छात्रा मौलश्री सिंह को दी। मुख्यमंत्री ने वेंचर केपिटल के सहयोग से स्टार्ट-अप को खड़ा करने में सहयोग, सहूलियतों और सुविधाओं की जानकारी ग्वालियर के श्री सुयश सिंह को प्रश्नोत्तर में दी। श्री चौहान ने इंदौर के सफल स्टार्ट-अप उद्यमी श्री जगत को बताया कि एम.एस.एम.ई. विभाग के सहयोग से स्टार्ट-अप का विस्तार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करने में आवश्यक मार्गदर्शन और वित्तीय सहयोग प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने स्टार्ट-अप प्रतिनिधियों से आत्मीय चर्चा की। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर, सहकारिता राज्य मंत्री श्री विश्वास सारंग, सांसद श्री आलोक संजर, महापौर श्री आलोक शर्मा, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री विवेक अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में युवा उद्यमी एवं अधिकारी उपस्थित थे