कमलनाथ पश्चिम बंगाल की हिंसक राजनैतिक संस्कारों को भूल नहीं पा रहें हैं
भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष श्री कमलनाथ इस प्रदेश को आतंक और अराजकता के माहौल में धकेलना चाहतें है। उनके द्वारा निरंतर की जा रही हरकतों से यह सिद्ध होता है कि भय, भूख,जातिवाद और भ्रष्टाचार के अपने परंपरागत हथियार को इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस सत्ता में आने के लिए छटपटा रही है लेकिन मध्यप्रदेश सदैव शांति का टापू रहा है और रहेगा। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता श्री कमलनाथ के हिंसक रवैये को कामयाब नहीं होने देंगे।
यह बात आज एक पत्रकार वार्ता में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक श्री रामेश्वर शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि श्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान पर पथराव को आगे भी हमले होने संबंधी जो बयान दिया है वह स्पष्ट करता है कि मुख्यमंत्री जी की जनआशीर्वाद यात्रा को मिल रहे भारी भरकम समर्थन से कांग्रेस बौखला गयी है और जब उसके सामने लोकतांत्रिक तरीके से प्रतिकार करने का रास्ता नहीं बचा है तो वह हिंसा के रास्ते पर उतर आयी है। श्री कमलनाथ का हिंसा को निरंतर जारी रखने का बयान यह साफ साफ बताता है कि भले ही मध्यप्रदेश के लोगों ने उन्हें बार-बार सांसद बनाकर अपने बडे दिल का परिचय दिया हो लेकिन कमलनाथ पश्चिम बंगाल की तोड़फोड़, आगजनी, लूटपाट और हत्याएं करने वाले राजनैतिक कुसंस्कारों को भूल नहीं पाए है। वे मध्यप्रदेश को भी पश्चिम बंगाल जैसी राजनैतिक हिंसा में झौंकना चाहतें है। लेकिन हम स्पष्ट करना चाहते है कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता और मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता श्री कमलनाथ के हिंसक व्यवहार का ऐसा लोकतांत्रिक जवाब देगी कि उन्हें मध्यप्रदेश तो क्या छिंदवाडा में भी टिकने का स्थान नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मध्यप्रदेश को हिंसा की आग में झौंकने का काम एक डेढ़ वर्ष पहले किसान आंदोलन की आड़ में ही कर दिया था। कथित किसान आंदोलन के दौरान कांग्रेसियों ने खुलेआम आगजनी, लूटपाट करायी, सड़कों पर कांग्रेस के विधायकों और जिम्मेदार पदाधिकारियों ने गाली गलौच की। इसके प्रमाण समूचे मध्यप्रदेश के पास है। बांटो और राज करो की नीति में कांग्रेस अंग्रेजों से भी आगे निकल गयी है। बरसों तक कांग्रेस ने दंगा, फसाद, जातिगत वैमनस्य भडकाकर ही देश में शासन किया है और पिछले कर्नाटक चुनाव तक लिंगायतों को लेकर जिस प्रकार की घटिया राजनीति की उसे आज की पीढी ने भी देखा है।
श्री रामेश्वर शर्मा ने बताया कि श्री कमलनाथ के बयानों से आ रहें खतरनाक संकेतों को लेकर भारतीय जनता पार्टी चुनाव आयोग को शिकायत करेगी और आयोग से आग्रह करेगी कि कांग्रेस और उसके अध्यक्ष द्वारा निरंतर की जा रही उकसावे की कार्यवाही को ध्यान में रखते हुए समूचित सुरक्षा प्रबंध किए जाए और शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाए।
चुनाव आयोग को शिकायत की
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ द्वारा की जा रही हिंसा से संबंधित बयानबाजी को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आज चुनाव आयोग को शिकायत की। साक्ष्यों के साथ की गयी शिकायत में भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस मुख्यमंत्री की लोकप्रियता से घबराकर प्रदेश में चुनाव से पूर्व हिंसा का रास्ता अपनाना चाहती है जो शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव कराने की दिशा में एक बड़ा रोड़ा हो सकता है। इसलिए चुनाव से पूर्व कांग्रेस की हरकतों पर नजर रखते हुए आयोग कानून व्यवस्था की दिशा में समुचित कदम उठाए।
प्रतिनिधि मंडल में वरिष्ठ नेता श्री शांतिलाल लोढ़ा, चुनाव आयोग संपर्क विभाग के प्रदेश संयोजक श्री एस.एस.उप्पल, विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री संतोष शर्मा शामिल थे।