मुख्यमंत्री पर हमला अजयसिंह के सामंती अहंकार का प्रतीक: अजयप्रताप सिंह

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री एवं सांसद श्री अजयप्रताप सिंह ने चुरहट में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के रथ पर हुए पथराव की निंदा करते हुए कहा है कि यह घटना नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह के सामंती अहंकार की प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री पर हमला नहीं, बल्कि प्रदेश की 7 करोड़ जनता का अपमान है। चुरहट की जनता कुछ लोगों के इस कृत्य से शर्मिंदा है और आने वाले विधानसभा चुनावों में उन्हें सबक सिखाएगी।

ख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा रविवार की देर शाम जब चुरहट पहुंची, तो उनके रथ पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। मुख्यमंत्री उस समय अपने रथ में ही थे, लेकिन संयोग से वे पत्थर के निशाने पर नहीं आए। इस घटना की निंदा करते हुए पार्टी के महामंत्री एवं सांसद श्री अजयप्रताप सिंह ने कहा है कि यह नेता प्रतिपक्ष श्री अजयसिंह के इशारे पर उनके कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया कृत्य है, इसकी जितनी निंदा की जाए उतना कम है। उन्होंने कहा कि यह चुरहट और सीधी की राजनैतिक संस्कृति नहीं है। यहां तर्कों और विचारों के आधार पर राजनीति होती रही है। उन्होंने कहा कि स्व. अर्जुनसिंह ने भी कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया, हमेशा विचारों की लड़ाई लड़ी। स्व. अर्जुन सिंह विरोधियों का भी सम्मान करते थे। उन्होंने अजय सिंह की राजनीतिक शैली को सामंती अहंकार से परिपूर्ण बताते हुए कहा कि वे अपने पिता की विरासत का दम तो भरते हैं, लेकिन पिता के अंशमात्र गुण भी उनमें दिखाई नहीं देते। उन्होंने कहा कि हिंसा की राजनीति करके राजनैतिक उद्देश्य अर्जित करने की जो उनकी सामंतवादी प्रवृत्ति है वह सफल नहीं होगी। राजे रजवाड़े सामंतवादी और राजशाही देश के परिदृश्य से गायब हो चुके है। यह कांग्रेस और कांग्रेसी नेताओं को समझना चाहिए।

किस से प्रेरणा ले रहे हैं अजय सिंह ?

सांसद श्री अजयप्रताप सिंह ने नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह के राजनीतिक संस्कारों की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि अजयसिंह अपने पिता स्व. अर्जुनसिंह से प्रेरणा न लेकर दिग्विजयिसंह से प्रेरणा ले रहे हैं, जो महिलाओं को ‘टंच माल’। वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रेरणा ले रहे हैं, जो संसद में आंख मारने जैस अमर्यादित आचरण करते हैं। उन्होंने कहा कि अजयसिंह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से प्रेरणा ले रहे हैं, जो अपने राजनीतिक विरोधियों को ‘नालायक’ और ‘वेश्या’ जैसे शब्दों से संबोधित करते हैं।