सिक्किम के पहले एयरपोर्ट का उद्घाटन किया प्रधानमंत्री जी ने

पीएम नरेन्द्र मोदी जी ने सिक्किम के पहले हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी जी ने बीते 4 साल के अपने कार्यकाल की तुलना पिछली सरकारों के 65 सालों से करते हुए कहा कि हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। हवाई अड्डों को लेकर मोदी ने कहा कि हम हर साल 9 एयरपोर्ट के औसत से 4 साल में 35 हवाई अड्डे बना चुके हैं, जबकि 65 साल में 65 ही एयरपोर्ट बने थे। पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी बढ़ाने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी जी  ने कहा, ‘करीब-करीब 6 दशक पहले एक छोटा सा जहाज यहां से उड़ा था, उसके बाद 6 दशकों तक इंतजार करना पड़ा। सिक्किम ही नहीं अरुणाचल जैसे देश के कई राज्यों में एयरपोर्ट बने हैं। 100 एयरपोर्ट चालू हो गए हैं, इनमें से 35 एयरपोर्ट पिछले 4 साल में ही बने हैं।’ पीएम मोदी जी ने कहा कि डोमेस्टिक फ्लाइट के मामले में भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मार्केट बन गया है। विमानन कंपनियों के पास विमान कम पड़ गए हैं।

‘हवाई चप्पल वालों का हवाई यात्रा का सपना हो रहा पूरा’
विमानन सेक्टर के आंकड़े पेश करते हुए मोदी जी ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों में देश में करीब 400 विमान सेवा दे रहे थे, अब विमान सेवा देने वाली कंपनियों ने इस एक वर्ष में 1000 नए विमानों का ऑर्डर दिया है। इसी से पता चलता है कि हवाई चप्पल पहनने वाले सामान्य लोगों को हवाई यात्रा कराने का हमारा सपना कितनी तेजी से पूरा हो रहा है।

सिक्किम की खूबसूरती देख, कैमरे पर चलने लगे हाथ

पीएम मोदी जी कहा कि सिक्किम की खूबसूरती देख मैं भी कैमरे पर हाथ चलाने लगा। आप सभी का पाकयोंग एयरपोर्ट मैं आप लोगों को भेंट करता हूं। यह दिन सिक्किम ही नहीं देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। पाकयोंग एयरपोर्ट के खुलते ही आपको भी गर्व होगा कि अब देश में 100 एयरपोर्ट हो जाएंगे। यह एयरपोर्ट आपके जीवन को आसान करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। आज तक यदि हमें देश के दूसरे हिस्से से यहां आना हो या फिर यहां से बाहर जाना हो तो कितनी मुश्किल होती थी, यह यहां के लोग भी जानते हैं और यहां आने वाले भी।

‘अब तक पश्चिम बंगाल से होकर आना पड़ता था’
मोदी जी ने कहा, ‘हमें अब तक पश्चिम बंगाल के बागडोगरा एयरपोर्ट उतरकर 5 से 6 घंटे का सफर करना पड़ता था। इस एयरपोर्ट को उड़ान योजना से जोड़ा गया है। इस योजना के तहत 1 घंटे तक के सफर के लिए 2,500 रुपये तक ही देने होते हैं। इसी प्रयास के चलते आज हवाई जहाज का सफर रेलवे के एसी जितना सफर हो गया है।’