रेल और रक्षा को अब तक का सबसे ज्यादा आवंटन, कुल बजट 27.84 लाख करोड़ रु. का



रेल के लिए 1.58 लाख करोड़ और रक्षा क्षेत्र के लिए 3 लाख करोड़ का प्रावधान
रेल बजट में 2014 के मुकाबले इस बार 148% वृद्धि की गई

नई दिल्ली. मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए पहली बार तीन लाख करोड़ से ज्यादा का प्रावधान किया। इसी तरह रेलवे के विकास कार्यों के लिए सबसे ज्यादा 1.58 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। पिछले बजट में यह रकम 1.48 लाख करोड़ थी। रेल किराये में कोई वृद्धि नहीं की गई। सरकार ने इस बार कुल 27.84 लाख करोड़ का बजट पेश किया है। वित्त मंत्री गोयल ने बजट भाषण में कहा कि बीते तीन सालों में ओआरओपी के लिए 35 हजार करोड़ रुपए दिए गए। 2019-20 में रेलवे के विकास कार्यों के लिए 1.58 लाख करोड़ का प्रावधान सरकार ने किया है। पिछले साल यह रकम 1.48 लाख करोड़ रुपए थी।

पहली बार रेलवे के नक्शे पर आए पूर्वोत्तर के तीन राज्य
गोयल ने कहा, ”पिछला साल रेलवे से लिए सबसे सुरक्षित रहा। ब्रॉडगैज नेटवर्क पर सभी मानवरहित क्रॉसिंग खत्म की जा चुकी हैं। देश में विकसित हुई सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस लोगों को विश्वस्तरीय सफर का एहसास कराएगी। मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम पहली बार रेलवे के नक्शे पर आए।” इससे पहले रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि सरकार ने रेलवे में सीसीटीवी और वाईफाई जैसे इन्वेस्टमेंट किए हैं। धीरे-धीरे रेलवे में ऐसी सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा।

2019-20 के लिए बजट अनुमान (रुपए करोड़ में)

रक्षा 3,05,296
पेंशन 1,74,300
प्रमुख सब्सिडी 2,96,684
कृषि और संबद्ध कार्यकलाप 1,49,981
वाणिज्य और उद्योग 27,660
पूर्वोत्तर का विकास 3,000
शिक्षा 93,848
ऊर्जा 44,101
विदेश मामले 16,062
वित्त 19,812
स्वास्थ्य 63,538
गृह 1,03,927
ब्याज 6,65,061
आईटी और दूरसंचार 21,549
योजना एवं सांख्यिकी 5,594
ग्रामीण विकास 1,38,962
वैज्ञानिक विभाग 26,237
सामाजिक कल्याण 49,337
कर प्रशासन 1,17,285
राज्यों को अंतरण 1,66,883
परिवहन 1,56,187
संघ राज्य क्षेत्र 15,042
शहरी विकास 48,032
अन्य 75,822

कुल 27,84,200

मोदी सरकार का विजन 2030
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सामाजिक और वास्तविक ढांचे को नेक्स्ट जेनरेशन का बनाने के लिए 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ईज ऑफ लिविंग की दिशा में काम करेगी।
डिजिटल इंडिया बनाने और हर नागरिक तक इसे पहुंचाने में हमारे युवा अहम रोल निभाएंगे। उनके लिए स्टार्टअप और रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।
क्लीन और ग्रीन इंडिया के तहत इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों को बढ़ाने, रिन्युएबल एनर्जी का मुख्य स्रोत बनने, आयात पर निर्भरता कम करने और लोगों के लिए ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
आधुनिक औद्योगिक तकनीकों के जरिए ग्रामीण इलाकों में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। मेक इन इंडिया के तहत सूक्ष्म और लघु उद्योगों, स्टार्टअप को पूरे देश में बढ़ावा दिया जाएगा।
नदियों को साफ बनाया जाएगा ताकि सभी नागरिकों को पीने का साफ पानी, स्वस्थ्य और लंबा जीवन मिल सके। सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
लंबे समुद्र तट हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती दे सकते हैं। इसके लिए ब्लू इकोनॉमी और सागरमाला के तहत काम किया जा रहा है। समुद्र और समुद्र तट हमारे विजन 2030 का छठा आयाम हैं।
2022 तक भारत विश्व के लिए लॉन्च पैड बन जाएगा। इस साल तक हम अंतरिक्ष में मानव मिशन भेजेंगे।
कृषि और खाद्य उपज बढ़ाने में आत्मनिर्भरता को बढ़ाना। ऑर्गेनिक फूड पर फोकस।
2030 विजन में स्वस्थ भारत नौवां आयाम है। इसके तहत संकट रहित और व्यापक स्वास्थ्य व्यवस्था पर जोर देंगे।
मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस के तहत सक्रिय, जिम्मेदार, दोस्ताना नौकरशाही को बढ़ावा देना। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस पर फोकस।