दिल्ली के रामलीला मैदान में चल रही बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि आज वे दल एकजुट हो रहे हैं, जो कभी कांग्रेस के तौर तरीकों से सहमत नहीं थे. जब कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता जमानत पर हैं, तब ये दल कांग्रेस के सामने सरेंडर कर रहे हैं. ये देश के मतदाताओं को धोखा देने का प्रयास है.पीएम मोदी ने इसके साथ ही कहा, ‘राजनीति विचारों पर की जाती है. गठबंधन विजन पर बनते हैं. लेकिन ये पहला मौका है जब ये सभी राजनीतिक दल सिर्फ एक व्यक्ति को हराने के लिए एकजुट हो रहे हैं. गठबंधन ‘मजबूर’ सरकार बनाने के लिए एकजुट हो रहा है.’ उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि हमसे पहले की सरकार का जो कार्यकाल था, उसने देश को घने अंधेरे में धकेल दिया था.मोदी ने कहा, ‘अगर मैं कहूं कि भारत ने 2004 से 2014 के महत्वपूर्ण 10 साल, घोटालों और भ्रष्टाचार के आरोपों में गंवा दिए, तो गलत नहीं होगा. 21वीं सदी की शुरुआत में ये 10 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण थे.’ उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री बनते तो देश की तस्वीर कुछ और ही होती. वैसे ही 2000 के चुनाव के बाद अगर अटल जी प्रधानमंत्री बने रहते तो आज भारत कहीं और होता.प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में भाजपा के नेतृत्व में जिस तरह से हमारी सरकारें चली हैं. उससे जनमानस में यह भाव स्थापित हुआ है कि देश को ऊंचाई पर अगर कोई दल ले जा सकता है तो वह सिर्फ और सिर्फ भाजपा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल ने ये साबित किया है कि देश सामान्य नागरिक के हित में बदल सकता है. सरकार बिना भ्रष्टाचार के भी चलाई जा सकती है और सत्ता के गलियारों में टलहने वाले दलालों को भी बाहर किया जा सकता है.