
जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक राष्ट्रवादी विचार परिवार को अपने स्नेह से सिंचित करने वाली ममतामयी राजमाता विजयाराजे सिंधियाजी का जन्मशताब्दी वर्ष कल 12 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। उनके जन्म शताब्दी वर्ष में विभिन्न प्रकार के आयोजनों के माध्यम से राजमाता जी का जीवन चरित्र समाज के बीच और विशेषकर महिला वर्ग के बीच महिला सशक्तिकरण का संदेश पहुंचाया जाएगा। क्योंकि राजमाता जी ने जिस दौर में लोककल्याण के लिए राजमहलों की हो चौखट छोड़कर सड़कों पर संघर्ष किया। उस दौर में महिला सशक्तिकरण जैसे शब्दों का प्रचलन नहीं था। राजमाता से लोकमाता बनने की उनकी संघर्ष गाथा में उनके अपनो की अड़चने भी जग जाहीर है, लेकिन उन्होंने जनता के कल्याण के लिए पारिवारिक रिश्तों का बलिदान देने में भी संकोच नहीं किया।
हम कह सकते हैं कि उन्होंने उन्हीं मूल्यों की स्थापना की जिन मूल्यों की स्थापना के लिए झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, वीरांगना झलकारी बाई, रानी अवंती बाई और देवी अहिल्याबाई होलकर जैसी महान विभूतियों ने कार्य किया था।
इस उपलक्ष्य में देश में और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से राजमाता जी को आदरांजलि अर्पित कर रही हैं। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर वरिष्ठ नेतागण आयोजन में शामिल होकर राजमाता जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालेंगे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमाश्री भारती सागर, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इंदौर, उत्तरप्रदेश की मंत्री रीता बहुगुणा रीवा, केंद्रीय मंत्री निरंजना तीर्थ छिंदवाड़ा, श्रीमती सरोज पांडे उज्जैन, सांसद मीनाक्षी लेखी जबलपुर तथा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती विजया राहटकर ग्वालियर के कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगी। मुख्य आयोजन ग्वालियर में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान एवं महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती विजया राहटकर उपस्थित रहेंगी। पार्टी के राष्ट्रीय महिला मोर्चे द्वारा ग्वालियर से दिल्ली तक महिला मैराथन दौड़ को भी 12 अक्टूबर को हरी झंडी दिखायी जाएगी।
राजमाता जी की संघर्ष गाथा से समाज इस कदर श्रद्धावनत था कि वे निरंतर चुनाव जीतती रहीं और एक समय ऐसा भी आया कि वे अस्पताल से बाहर ही नहीं आईं और अपने जीवन का अंतिम चुनाव भारी बहुमत से जीतीं।
राजमाता जी के प्रति जनता के इस समर्पण का एकमात्र कारण था, उनके मन, वचन और कर्म में एकात्मता। राज परिवार की मुखिया होने के बाद भी उन्होंने कभी भी महलो के सुख को नहीं भोगा, बल्कि भारत के राष्ट्राभिमान के कार्य में लगे कार्यकर्ताओं की कुशलक्षेम को ही अपने जीवन का ध्येय बनाया। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश और केंद्र की सरकारें महिला सशक्तीकरण हेतु अपने विभिन्न नीतिगत निर्णयों तथा कार्यक्रमों के माध्यम से राजमाताजी की विचारधार को जमीन पर उतारने का काम कर रही हैं। लिंग अनुपात में संतुलन के साथ-साथ कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु आज देश में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का जो राष्ट्रीय अभियान सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर चल रहाँ हैं, उसका प्रारम्भ करने वाले चुनिंदे प्रदेशों में मध्य प्रदेश हैं। नाबालिग कन्याओ के साथ दुराचार करने वाले दरिंदो को फाँसी पर चढ़ाने वाला कानून बनाने में भी मध्य प्रदेश अग्रसर रहा और उल्लेखनीय हैं कि अब यह कानून केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर भी लागू कर दिया गया है।
केंद्र ने भी सभी सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए स्वतंत्र शौचालयों का निर्माण करने, महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने, व्यवसायी महिलाओं को प्रसव के समय सुदीर्घ अवकाश मिलने कानून में संशोधन करने और तलाक पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा हेतु अध्यादेश जारी करने जैसे कई कारगर कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार में आज महिला मंत्रियों की संख्या सबसे अधिक हैं और इस के पहले कभी भी 6 महिलायें एक ही समय राज्यपाल पद विभूषित नहीं कर रही थी। श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने देश को पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री देकर और गणतंत्र दिवस की परेड का नेतृत्व महिला अधिकारी से कराकर दुनिया को भारत में महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ रहे प्रभावी कदम का संदेश दिया है। प्रदेश और राष्ट्रीय स्तरपर भाजपा राजमाता जी को उनकी जन्मशताब्दी के अवसरपर आदरांजलि अर्पित करते हुवे नारी सशक्तिकरण के अपने ध्येय के प्रति अपने आप को पुनः समर्पित कर रही हैं। इस अवसर पर राज्यमंत्री श्री शरद जैन, नगर अध्यक्ष श्री जीएस ठाकुर, ग्रामीण अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश पटैल, महापौर डॉ स्वाति गोडबोले, विधायक श्री अंचल सोनकर, श्री अशोक रोहाणी, श्री सुशील तिवारी इंदु, श्रीमती प्रतिभा सिंह, श्रीमती नदंनी मरावी, श्रीमती एलबी लोबो, मविप्रा अध्यक्ष श्री प्रभात साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मनोरमा पटैल उपस्थित थे।
