जनता की सेवा हमारा लक्ष्य, उसकी जिंदगी में बदलाव के लिए राजनीति करते हैं: शिवराज सिंह

मुख्यमंत्री ने किया 745 करोड़ की बिंजलवाड़ा परियोजना का भूमिपूजन

खण्डवा/बुरहानपुर। हम सत्ता के लिए राजनीति नहीं करते। श्री शिवराज सिंह और भारतीय जनता पार्टी जनता की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए राजनीति करते हैं। हमारा एक मात्र लक्ष्य प्राणों से प्यारी जनता की सेवा करना है, चाहे इसके लिए मेरे प्राण ही क्यों न चले जाएं। मैं जियूँगा तो जनता के लिए और मरना पड़े तो मरूँगा भी जनता के लिए। यह बात मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने बुधवार को निमाड़ अंचल के भीकनगांव में सभा को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री की जनआशीर्वाद यात्रा बुधवार सुबह खंडवा जिले के भीकनगांव से शुरू हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई परियोजना के लिए भूमिपूजन भी किया।

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा बुधवार को निमाड़ के खंडवा और बुरहानपुर जिलों में पहुंची। यात्रा की शुरुआत में मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से खंडवा जिले के भीकनगांव पहुंचे। हेलीपेड पर भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने मुख्यमंत्री का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। यहां सभा के संबोधन से पहले मुख्यमंत्री ने नर्मदा नदी पर बनने वाली 745 करोड़ रुपए की लागत वाली बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई परियोजना के लिए भूमिपूजन किया। बिना भू-अर्जन के भूमि सिंचित करने वाली निमाड़ की पहली इस योजना से 129 गांवों की 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचित होगी। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने भीकनगांव में जनसभा को संबोधित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज निमाड़ के भीकनगांव, खकनार, बुरहानपुर, असीरगढ़, बोरगांव, पंधाना और खण्डवा में जनता से संवाद किया।

हमारा लक्ष्य केवल सत्ता हासिल करना नहीं

भीकनगांव में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि हम केवल सत्ता के लिए राजनीति नहीं करते। शिवराज सिंह और भारतीय जनता पार्टी का उद्देश्य सिर्फ सत्ता हासिल करना नहीं है। हम लोगों की जिंदगी में बदलाव के लिए राजनीति करते हैं। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा करना ही हमारा लक्ष्य है और अगर इसके लिए अगर मुझे मरना भी पड़े, तो मैं मरूंगा भी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पर नर्मदा मैया की कृपा खूब बरस रही है। प्रदेश के सूखे खेतों की प्यास बुझाने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि माँ नर्मदा की कृपा से भीकनगांव बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजना का भूमिपूजन किया है। इस परियोजना के पूरा हो जाने से क्षेत्र के किसानों की जिंदगी में बदलाव आएगा।

200 पार के लक्ष्य में होगा भीकनगांव का भी योगदान

भीकनगांव में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री को आधुनिक भागीरथ बताया। उन्होंने कहा कि भीकनगांव के प्यासे कंठ की प्यास बुझाने के लिए आधुनिक भागीरथ शिवराज जी आज आपके द्वार 745 करोड़ की बिंजलवाड़ा उद्वहन परियोजना लेकर आये है। इस परियोजना से 129 गांव तक पानी पहुँचेगा और 1 लाख 25 हजार एकड़ जमीन सिंचित होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जितना किसानों के लिए किया, इतना आज तक किसी भी मुख्यमंत्री ने नहीं किया। उन्होंने गरीबों के उत्थान के लिए संबल योजना शुरू की है। श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने बिंजलवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजना के लिए निमाड़ की जनता की ओर से मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि श्री शिवराज जी ने निमाड़ के किसानों और जनता की कदम- कदम पर चिंता की है और आज जनता आपको विश्वास दिलाती है कि पार्टी ने 200 पार का जो लक्ष्य तय किया है, उसमें भीकनगांव का भी योगदान होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से निमाड़ अंचल में जल क्रांति का सूत्रपात हुआ है।

ऊपर वाले ने भेदभाव नहीं किया, तो हम क्यों करें

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने बुरहानपुर में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी नजर में सब समान हैं और किसी के प्रति कोई भेदभाव नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने अगर लोगों को तीर्थों के दर्शन कराए, तो अजमेर शरीफ पर चादर भी चढ़वाई। उज्जैन में महाकुंभ का आयोजन किया, तो भोपाल में हज हाउस भी बनवाया। उन्होंने कहा कि नंदू भैया और अर्चना जी बुरहानपुर के विकास लेकर मुझसे लगातार बात करते रहते हैं और जो भी संभव हुआ हमने इस क्षेत्र के लिए किया है। लेकिन सड़कें, तालाब ये तो बनाना ही है, मेरा असल उद्देश्य लोगों की जिंदगी बनाना है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की गरीबी को देखकर मुझे पीड़ा होती है। कांग्रेस गरीबी हटाओ के नारे लगाती रही, लेकिन गरीबी नहीं हटी, गरीब ही कम हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान ने यह धरती सभी के लिए बनाई थी और इसके संसाधन भी सभी के लिए थे। लेकिन कुछ लोगों के पास ये संसाधन अधिक मात्रा में आ गए, तो कुछ लोगों के पास कुछ भी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि इस असमानता को दूर करने के दो तरीके हैं। पहला तरीका है एक से छीनकर दूसरे को दे दो, लेकिन इसमें अशांति और विघटन का खतरा है। दूसरा तरीका यह है कि गरीबों के लिए इतने प्रावधान कर दो कि गरीबी खत्म हो जाए। इसी के लिए हमने संबल योजना शुरू की है और यह योजना बिना किसी भेदभाव के समाज के हर तबके के लिए है।