ये भगवा रंग… कहीं योगी-मोदी का क्रेज, देखें हाईवे पर कांवड़ियों की केसरिया कतारें

रंगबिरंगी कांवड़ व झांकियों के साथ शिवभक्त भगवान शिव के भजनों के साथ मंजिल की ओर बढ़ते जा रहे हैं। विशाल कांवड़ पर मनमोहक झांकियां श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही हैं। शिवभक्त डाक कांवड़ियों के काफिले हरिद्वार से गंगाजल लाने के लिए शहर से होकर गुजर रहे हैं। डीजे की धुन और हर-हर महादेव के जयकारों से शहर गुंजायमान हो रहा है। शिवभक्तों के स्वागत के लिए सजा शहर का मुख्य मार्ग रंगबिरंगी रोशनी से जगमगा रहा है। जगह-जगह कांवड़ सेवा शिविर लगाए जा रहे हैं।

शिवभक्तों व झांकियों को देखने के लिए कांवड़ मार्ग पर हजारों महिला व पुरुषों की भीड़ देर रात्रि जमा रहती है। इस दौरान रंग-बिरंगी कांवड़ व झांकियों केे साथ शिवभक्त भगवान भोलेनाथ के भजनों पर कांवड़िये नाचते-झूमते हुए गुजर रहे हैं। कहीं विशाल झांकियां तो कहीं योगी-मोदी के मुखौटे पहने भी कांवड़िए मार्गों से गुजर रहे हैं। आकर्षक झांकी देखकर श्रद्धालु भी झूमने लगते हैं। सुबह और शाम कांवड़ियों की संख्या अधिक होती है। दोपहर में ज्यादातर कांवड़िये शिविरों में आराम कर रहे हैं। हरियाणा के विभिन्न जिलों से डाक कांवड़िए हरिद्वार की ओर रवाना हो रहे हैं।

बाबू खान ने बताया कि इस्लाम हमें सभी धर्मों का सम्मान करने की सीख देता है। बताया कि सुबह पांच बजे गांव की मस्जिद में नमाज पढ़ते हैं और फिर शिव मंदिर पर जाकर साफ-सफाई करते हैं। बाबू खान का कहना है, मैंने इस्लाम धर्म नहीं छोड़ा है, सिर्फ कांवड़ लाने में आस्था है। इसलिए हर साल कांवड़ लेने के लिए हरिद्वार आता हूं। कहते हैं कि श्रद्धा के साथ जोश और जुनून हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं है। हरियाणा के सोनीपत का रहने वाले दिव्यांग पवन कुमार ने एक पैर के बिना जल लाकर यह सिद्ध कर दिया है। वह उत्तराखंड के गोमुख से गंगाजल लेकर आ रहे हैं। पवन एक हादसे में जलने से घायल हो गए थे और चिकित्सकों ने उसके एक पैर को काट दिया था।

हिंदू क्रांति कारी सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत महेंद्र पुरी महाराज ने बताया कि वह गाजियाबाद स्थित शिव मंदिर में रहते हैं। वह नूपुर शर्मा के लिए 21 जुलाई को हरिद्वार से कांवड़ लेकर निकले हैं। उन्होंने कहा कि देश में एक कानून है। उसी कानून के दायरे में सबको रहना है। ऐसा नहीं है कि फतवा जारी किया और कोई भी हिंदुओं की बहू-बेटियों को कोई नुकसान पहुंचा देगा। बताया कि हरिद्वार क्षेत्र के मंगलौर में चार बाइकों पर सवार कुछ युवकों ने उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी। उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी थी। पुलिस ने उनकी मदद की और सकुशल बॉर्डर पार कराया। बागपत के गांव रंछाड़ निवासी बाबू खान मुजफ्फरनगर के पुरकाजी से निकल चुके हैं। इससे पहले बाबू खान ने गंगा मैया में स्नान करने के बाद पूजा-अर्चना की और कांवड़ में गंगा जल रखकर बागपत के पुरा महादेव मंदिर के लिए रवाना हो गए। वहीं बाबू खान के सिर पर मुस्लिम टोपी और कंधे पर कांवड़ देखकर लोग हैरान रह गए।

वन कुमार बताते हैं कि वह 14 साल से कांवड़ ला रहे हैं। दो साल तक कोरोना काल में कांवड़ यात्रा नहीं हुई थी, लेकिन अब जैसे ही शुरू हुई तो वह फिर गोमुख पहुंच गए। वह कहते हैं कि आदमी को परिस्थितियों से कभी हारना नहीं चाहिए। मैं देश के लिए कांवड़ लाया हूं।

श्रद्धा के पथ पर विश्वास की कांवड़ लेकर आगे बढ़ रहीं महिलाएं
हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिवालयों की ओर जा रहे कांवड़ियों की संख्या बढ़ने लगी है। महिला कांवड़ियों की संख्या पिछले सालों के मुकाबले अधिक दिख रही है। श्रद्धा के पथ पर महिला कांवड़ियां शिव का जयघोष करते हुए आगे बढ़ रही है। शहर में कच्ची सड़क से रुड़की रोड होते हुए कांवड़िए बढ़े जा रहेे हैं। दिल्ली की शिवानी पहली बार अपने पति के साथ कांवड़ लेकर पहुंची है। उसका कहना है कि परिवार में सुख शांति के लिए गंगाजल उठाया है। झज्जर की वीरमति रुड़की रोड से होते हुए यहां से गुजरी। उन्होंने बताया कि बेटे की नौकरी की मन्नत मांगी है। परिवार में सुख-शांति रहे। देश में भाईचारे का माहौल रहे। सब शांति से गुजर-बसर करें। गुुरुग्राम की सरिता अपने पति वीरपाल के साथ कांवड़ लाई हैं। दंपती का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल से पहले वह कांवड़ लाना चाहते थे, लेकिन तब नहीं ला सकें। दो साल बीमारी का प्रकोप रहा, इस बार अवसर मिला तो वह कांवड़ लेने आए हैं। श्रद्धा के मार्ग पर आगे बढ़ने से बेहद खुशी हो रही है।

शिवभक्ति में डूबा नेपाल का कांवड़िया
नेपाल का कांवड़िये ने भी शिवभक्ति में डूबकर गंगाजल उठाया है। दिल्ली में रह रहे ललित ने बताया कि वह प्राइवेट नौकरी करता है। भगवान शंकर का भक्त है। भोलेनाथ से सुख-शांति और कार्य बेहतर तरीके से चलने की प्रार्थना की है।

ढाई फीट का कांवड़िया बना आकर्षण का केंद्र
कांवड़ देखकर श्रद्धालु उत्साह से झूम रहे हैं। शिव के भजनों के साथ चल रही झांकी देर रात तक आकर्षण का केंद्र रही। ट्रैक्टर पर निकाली गई झांकी को मोबाइल में कैद करने की होड़ मची रही। नोएडा की झांकी के साथ चल रहा हनुमान का वेश बनाकर ढाई फीट का कांवड़िया आकर्षण का केंद्र रहा। कांवड़िये मनोज यादव ने बताया कि हनुमान के रूप में उनके साथ हरिद्वार से चला है।

शिविरों में 24 घंटे चल रहे भंडारे
कांवड़ यात्रा मार्ग पर 25 से अधिक शिविर लगे हैं, जिनमें लगातार भंडारे चल रहे हैं। औघड़दानी के भक्तों को सुबह के समय चाय, दूध, पकौड़ी, ब्रेड, बिस्कुट, घेवर और दोपहर व रात के समय दाल-चावल, आलू-पूरी, मटर-पनीर, पुलाव, हलवा, खीर सहित अनेक प्रकार के व्यंजन की व्यवस्था की गई है।